राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा की चार महिला मुक्केबाजों को किया सम्मानित

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भिवानी। हरियाणा की चार महिला मुक्केबाजों को बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया। इसमें जैस्मिन लंबोरिया, नूपुर श्योराण और पूजा बोहरा भिवानी की रहने वाली हैं जबकि मीनाक्षी हुड्डा रोहतक की रहने वाली हैं। चारों महिला मुक्केबाज इंग्लैंड की लिवरपुल में आयोजित विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप की पदक विजेता हैं।

हाल ही में नवंबर माह में ग्रेटर नोएडा स्थित शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में खेले गए विश्व मुक्केबाजी कप में जैस्मिन लंबोरिया, नूपुर श्योराण और मीनाक्षी हुड्डा ने स्वर्ण पदक तथा पूजा बोहरा ने कांस्य पदक हासिल किया। महिला मुक्केबाजों को दिल्ली राष्ट्रपति भवन की तरफ से आमंत्रित किया गया था। बुधवार को राष्ट्रपति ने चारों मुक्केबाजों से मुलाकात कर सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने मुक्केबाजों से बातचीत कर मुक्केबाजी के बारे में जानकारी हासिल की और खुद भी मुक्केबाजी पंच बनाते हुए फोटो शूट करवाया।

जैस्मिन ने एक वर्ष के अंदर तीन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किए

राष्ट्रपति भवन की तरफ से जैस्मिन को आमंत्रित किया गया था। अगर कोई खिलाड़ी आगे बढ़ता है तो एक कोच के लिए वह सबसे बड़ी खुशी होती है। जैस्मिन ने एक वर्ष के अंदर तीन विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किए हैं। फिलहाल जैस्मिन अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। उसकी मेहनत को देख कर पूरी उम्मीद है कि आने वाली स्पर्धाओं में भी वह स्वर्ण पदक हासिल कर देश का नाम रोशन करती रहेंगी।
भिवानी के लिए गौरव का विषय
हरियाणा की चार महिला मुक्केबाजों को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। इसमें नूपुर श्योराण, जैस्मिन लंबोरिया और पूजा बोहरा भिवानी से हैं। यह जिले के लिए गौरव का विषय है। इस तरह से खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाना बाकी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनता है।

नूपुर का शानदार प्रदर्शन

नूपुर ने इस वर्ष दो विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण और एक में रजत पदक हासिल किया। इस तरह से उन्होंने एक वर्ष में दो स्वर्ण और एक रजत सहित तीन पदक जीते। राष्ट्रपति भवन की तरफ से आमंत्रित नूपुर ने बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात की। यह परिवार के लिए खुशी का विषय है। – संजय श्योराण भीम अवार्डी, मुक्केबाजी प्रशिक्षक, भिवानीसेना में सूबेदार हैं जैस्मिन

मुक्केबाज जैस्मिन लंबोरिया भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता जयवीर और माता जोगिंदर कौर ने बेटी को बधाई दी और बताया कि घर में जैस्मिन को शुरू से ही मुक्केबाजी का माहौल मिला। जैस्मिन ने अपने चाचा संदीप और परविंदर लंबोरिया के मार्गदर्शन में मुक्केबाजी शुरू की और आज इस मुकाम पर पहुंची।तीसरी पीढ़ी की मुक्केबाज हैं नूपुर

महिला मुक्केबाज नूपुर श्योराण के दादा कैप्टन हवासिंह हैवीवेट मुक्केबाज रहे हैं, पिता संजय श्योराण भीम अवाॅर्ड से सम्मानित हैं। फिलहाल भिवानी में बॉक्सिंग अकादमी चला कर मुक्केबाजी की नई पौध तैयार कर रहे हैं। माता मुकेश रानी बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं। नूपुर मुक्केबाजी में परिवार से तीसरी पीढ़ी हैं।16 साल का अनुभव है पूजा का

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पूजा बोहरा को मुक्केबाजी में 16 साल का अनुभव है। राष्ट्रपति भवन में पूजा के साथ उसका भाई गया था। पूजा ने 2009 में मुक्केबाजी शुरू की। फिलहाल वह 80 किलोग्राम भारवर्ग में मुक्केबाजी करती हैं। पूजा बोहरा आयकर विभाग में कार्यरत हैं। पूजा बोहरा के पति आकाश ने बताया कि विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पूजा ने कांस्य पदक जीता।राष्ट्रपति भवन में महिला मुक्केबाजों को आमंत्रित कर सम्मानित किया गया। जैस्मिन, नूपुर, पूजा और मीनाक्षी ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप और विश्व कप में पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। इस तरह के सम्मान से खिलाड़ियों का हौसला बढ़ता है और यह अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है।