चंडीगढ़। बरसाती मौसम में जगह-जगह जलभराव के चलते डेंगू का खतरा मंडराने लगा है। इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई को डेंगू विरोधी माह घोषित करते हुए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। पूरे प्रदेश में प्रत्येक रविवार को सूखा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। वहीं, निजी अस्पतालों में डेंगू की जांच के नाम पर अधिक शुल्क वसूली की शिकायतों पर स्वास्थ्य विभाग सख्त हो गया है।
निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को अनुशंसित डेंगू परीक्षण (एलिसा आधारित एनएस 1 और आईजीएम) के लिए अधिकतम 600 रुपये लेने के आदेश दिए गए हैं। इससे अधिक शुल्क वसूलने पर संबंधित अस्पताल और प्रयोगशालाओं के खिलाफ कार्रवाई होगी।प्रदेश में 27 सरकारी डेंगू जांच प्रयोगशालाएं हैं, जहां मरीजों को जांच के लिए कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा। इसके अलावा सभी सरकारी अस्पतालों में भर्ती डेंगू मरीजों को प्लेटलेट्स निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। अगर प्लेटलेट्स निजी अस्पतालों से लेनी पड़ती हैं तो खर्च का भुगतान प्रदेश सरकार करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के मुताबिक सभी अस्पतालों व प्रयोगशालाओं के लिए अनिवार्य किया गया है कि वे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी एन्सेफलाइटिस (जेई) का मरीज मिलने पर तुरंत सिविल सर्जन को सूचना दें।शहरी स्थानीय निकाय विभाग को मलेरिया की रोकथाम के लिए केस-आधारित फॉगिंग (रैंडम फागिंग नहीं) करने के लिए कहा गया है। सभी शहर और गांवों में स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से फॉगिंग का शेड्यूल तैयार किया जाएगा। शहरों में जिन घर-दुकानों और कारखाने में मच्छरों का प्रजनन पाया जाता है, वहां 200 से 2000 रुपये तक चालान किया जा सकता है।