गर्व का पल: पहली बार NDA से Passout हुईं 17 महिला कैडेट्स, Haryana की ये 3 बहादुर बेटियां शामिल

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बेटियां भी किसी से कम नहीं होती। भारत की बेटियां अब उस सेना का हिस्सा बन चुकी हैं जो दुश्मनों की नींद उड़ा देंगी। अब पाकिस्तान भी देखेगा भारत की बेटियों की बहादुरी। ये वही बेटियां हैं जिन्होंने अपनी मेहनत, हिम्मत और जज्बे से इतिहास रच दिया है। पुणे की नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से पहली बार 17 महिला कैडेट्स ने तीन साल की ट्रेनिंग के बाद शुक्रवार को पासआउट होकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

पासिंग आउट परेड में 17 महिला कैडेट्स ने भी 319 पुरुष कैडेट्स के साथ कदमताल किया। इन 17 में से इशिता सांगवान, रितुल दुहन व हरसिमरन कौर हरियाणा की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त, 2021 को पहली बार लड़कियों के लिए एनडीए में शामिल होने के दरवाजे खोले थे। 2022 में एनडीए के 148वें पाठ्यक्रम में पहली बार बेटियों का चयन हुआ।

इशिता सांगवान 

इशिता का परिवार मूलतः हरियाणा से ताल्लुक रखता है, लेकिन परिवार राजस्थान में रहता है। 19 वर्ष की इशिता बताती हैं कि उनके परिवार की कोई सैन्य पृष्ठभूमि नहीं है। जब स्कूल प्रिंसिपल ने बताया कि अब लड़कियां भी एनडीए जा सकती हैं, तो जेईई की तैयारी कर रही इशिता ने इस बारे में सोचा।

हरसिमरन कौर

इशिता की तरह हरसिमरन भी जेईई की तैयारी कर रही थीं और अपने दोस्त से यह पता लगने के बाद कि एनडीए ने अब लड़कियों के लिए भी दरवाजे खोल दिए हैं, उन्होंने अकादमी का हिस्सा बनने का फैसला किया। सेना में हवलदार पद से रिटायर पिता की बेटी हरसिमरत का सैन्य बलों के साथ गहरा जुड़ाव रहा है। उनके दादा भी सेना में रहे थे। हरसिमरन नौसेना में जाना चाहती हैं।

रितुल दुहन 

हरियाणा की रहने वाली रितुल दहन बटालियन कैडेट कैप्टन बनने वाली पहली महिला हैं। उनके पिता एक ठेकेदार हैं और मां गृहिणी हैं।