छछरौली में बारिश ने मचाई तबाही, 500 एकड़ फसल बर्बाद

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यमुनानगर  : यमुनानगर जिले के छछरौली कस्बे में प्री-मानसून ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। भले ही आधिकारिक रूप से मानसून अभी नहीं पहुंचा है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार भारी बारिश की वजह से सोम और पथराला नदियां उफान पर हैं। इन नदियों का पानी खेतों और गांवों में घुसने लगा है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी का पानी ओवरफ्लो होकर खेतों में घुस गया है, जिससे करीब 500 एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। कई गांवों में सड़कें दरिया बन गई हैं और लोगों के घरों तक में पानी भर चुका है।

किसान सोहन और रजनीश ने बताया कि जून के महीने में उन्होंने आज तक इतनी अधिक बारिश और नुकसान नहीं देखा। उन्होंने कहा कि समय से पहले मानसून का आना और आवश्यकता से ज्यादा बरसात होना किसानों के लिए किसी तबाही से कम नहीं है। सोम और पथराला नदी के पानी ने धान की रोपाई की संभावनाओं को भी प्रभावित किया है। किसानों का कहना है कि ज्यादा पानी की वजह से गन्ने की फसल को भी नुकसान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर, बारिश का पानी सड़क पर इस कदर भर चुका है कि भारी वाहन तक गुजरने में असमर्थ हो गए हैं। वाहन चालक अपनी जान जोखिम में डालकर पानी से भरी सड़कों को पार कर रहे हैं।

इन हालातों के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन की तैयारी कहां है?

ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई नई समस्या नहीं है, हर साल यही हाल होता है, हर साल फसलें डूबती हैं, लेकिन प्रशासन के लिए यह केवल आंकड़े बनकर रह जाते हैं। किसान दिन-रात की मेहनत से जो फसल उगाते हैं, वह हर बार पानी में बह जाती है। अफसरों की योजनाएं कागजों से आगे नहीं बढ़ पातीं। वे दफ्तरों में बैठकर प्लान तो बनाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ते हैं या प्रशासन कुछ वास्तविक समाधान लेकर सामने आता है, या फिर हर बार की तरह तमाशबीन बना रहेगा।