रमा एकादशी 2025 की तिथि और समय: जानें महासंयोग, पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत का विधान

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करनाल: सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है. एक साल में 24 एकादशी होती है. एक महीने में दोनों पक्षों में दो एकादशी आती है. इस समय हिंदू वर्ष का कार्तिक महीना चल रहा है और कार्तिक महीने क्या कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने का विधि विधान होता है. इस दिन जातक एकादशी का व्रत भी करते हैं. जिस घर में सुख समृद्धि आती है और सभी प्रकार की मनोकामना पूरी होती है. तो आईए जानते हैं कि रमा एकादशी कब मनाई जा रही है और इसके व्रत का विधि विधान क्या है.

रमा एकादशी कब है?: पंडित राकेश गोस्वामी ने बताया कि “हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली रमा एकादशी की शुरुआत 16 अक्टूबर को सुबह 10:34 पर होगी. जबकि इसका समापन 17 अक्टूबर को सुबह 11:12 पर होगा. सनातन धर्म में प्रत्येक व्रत और त्योहार को अतिथि के साथ मनाया जाता है. इसलिए रमा एकादशी 17 अक्टूबर के दिन मनाई जाएगी”.

पूजा का शुभ मुहूर्त: पंडित ने बताया कि “रमा एकादशी पर पूजा करने का शुभ अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 से लेकर 12:20 तक रहेगा. अमृत काल शुभ मुहूर्त सुबह 11:25 से लेकर 1:06 तक रहेगा. जबकि ब्रह्म काल मुहूर्त सुबह 4:58 से लेकर 5:40 तक रहेगा”.

व्रत का विधान: पंडित ने बताया कि “एकादशी के व्रत का विशेष विधि विधान होता है. रमा एकादशी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करें उसके बाद साफ कपड़े पहन कर मंदिर की सफाई करें. उसमें पीले रंग का कपड़ा बिछा कर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें. उनके आगे देसी की का दीपक लगाए. उनको पीले रंग के फल फूल वस्त्र मिठाई आदि अर्पित करें. जो लोग एकादशी का व्रत करना चाहते हैं, वे एकादशी के व्रत रखने का प्रण लें. दिन में विष्णु पुराण पढ़ें और एकादशी की कथा करें. शाम के समय गरीब, जरूरतमंद और गाय को भोजन दें. समयानुसार व्रत पारण कर लें”.

रमा एकादशी का महत्व: पंडित ने बताया कि “रमा एकादशी का विशेष महत्व होता है. इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने का विधि विधान होता है. इसके साथ-साथ जातक एकादशी का व्रत भी करते हैं. इसका व्रत करने से इंसान को मोक्ष की प्राप्ति होती है. घर में सुख समृद्धि आती है. भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से इंसान को भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. घर में आर्थिक संकट दूर होता है. एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए और पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करना चाहिए, इससे घर में सुख समृद्धि आती है”.

एकादशी के दिन क्या न करें: पंडित की मानें तो “एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. एकादशी के दिन मांस मदिरा इत्यादि नहीं लेना चाहिए. एकादशी के दिन प्याज और लहसुन का सेवन करना भी अच्छा नहीं होता. एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते ना तोड़े. एकादशी के दिन बाल काटना और नाखून काटना भी अशुभ माना जाता है”.

एकादशी के दिन सूर्य परिवर्तन: पंडित राकेश गोस्वामी ने बताया कि “इस बार रमा एकादशी 17 अक्टूबर को मनाई जा रही है. इस बार यह काफी शुभ रहने वाली है. क्योंकि इस बार रमा एकादशी के दिन सूर्य राशि परिवर्तन कर रहे हैं. सूर्य कन्या राशि से तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं. इसलिए इस दिन तुला संक्रांति भी आ रही है. जिसके चलते इस दिन दान-पुण्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. घर में वृद्धि आती है. इसलिए यह एकादशी और भी ज्यादा महत्व देने वाली है”.