कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में शुरू हुआ ‘रत्नावली’ उत्सव, सीएम सैनी बोले– संस्कृति और शिक्षा के बीच बना रहे हैं सेतु

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कुरुक्षेत्र: हरियाणवी संस्कृति के सबसे बड़े मंच ‘रत्नावली महोत्सव’ का शुभारंभ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (कुवि) में हुआ. इस चार दिवसीय सांस्कृतिक महाकुंभ का उद्घाटन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर पर्यटन मंत्री अरविंद शर्मा, पूर्व राज्य मंत्री सुभाष सुधा, विश्वविद्यालय के कुलपति, कलाकार और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे.

छह मंचों पर 34 विधाओं का प्रदर्शन:कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छह मंचों पर 34 विधाओं में लगभग 3,500 छात्र-छात्राएं अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. महोत्सव के पहले दिन से ही परिसर में हरियाणवी लोक संस्कृति, वेशभूषा, भोजन और पारंपरिक गीत-संगीत की झलक देखने को मिली. कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में सीएम सैनी ने कहा कि “रत्नावली केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि हरियाणा की आत्मा है, जो हमारी संस्कृति को नई पीढ़ी से जोड़ने का माध्यम बन रही है.”

प्रदर्शनी में दिखा स्वदेशी कौशल: मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में आयोजित स्वदेशी उत्पाद प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. विद्यार्थियों द्वारा तैयार उत्पादों ने आत्मनिर्भरता और नवाचार की मिसाल पेश की. स्टूडेंट्स के उत्साह को देखते हुए सीएम सैनी ने कहा, “युवाओं को नौकरी लेने वाले नहीं, नौकरी देने वाले उद्यमी बनना चाहिए. सरकार शिक्षा और संस्कृति के बीच सेतु का कार्य कर रही है, ताकि परंपरा और प्रगति साथ चल सकें.”

संस्कृति से जुड़ाव का मंच: सीएम सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि, “युवा ही प्रदेश का भविष्य और संस्कृति के संवाहक हैं. इस प्रकार के आयोजन युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव कराने का श्रेष्ठ माध्यम हैं.”

हरियाणवी रंगों में डूबेगा कुवि परिसर: आगामी चार दिनों तक विश्वविद्यालय परिसर हरियाणवी संस्कृति के रंगों में रंगा रहेगा. यहां दर्शक हरियाणवी सांग, रसिया डांस, लूर नृत्य, आर्केस्ट्रा, रिचुअल प्रथाओं और लोकगीतों की शानदार प्रस्तुतियों का आनंद उठा सकेंगे. ‘रत्नावली’ के दौरान हरियाणा के अलग-अलग जिलों से आए कलाकारों ने अपने लोक नृत्य, लोक वाद्य और पारंपरिक कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया