रिटायर्ड फौजी का पत्नी-बेटी समेत मर्डर

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महेंद्रगढ़।

महेंद्रगढ़ के रहने वाले रिटायर फौजी और उसके परिवार की आज दिल्ली में हत्या कर दी गई है। मरने वालों में रिटायर फौजी के साथ उसकी पत्नी और बेटी शामिल हैं। हालांकि, मृतक का बेटा मॉर्निंग वॉक पर गया था, इसलिए उसकी जान बच गई। बेटे ने ही मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। पुलिस का कहना है कि तीनों लोगों को तेजधार हथियार से वार कर मारा गया है। घर में कोई तोड़फोड़ के निशान नहीं हैं। घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।

साउथ दिल्ली के DCP अंकित चौहान ने बताया है कि आज सुबह करीब 7 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि नेब सराय के देवली गांव में एक ही परिवार के 3 लोगों की हत्या कर दी गई है। यह सूचना मृतक के बेटे ने दी थी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस को मृतक के बेटे ने बताया है कि वह सुबह उठकर मॉर्निंग वॉक पर गया था। जब करीब सवा घंटे बाद लौटा तो देखा कि घर में पिता राजेश कुमार (51), मां कोमल (46) और बहन कविता (23) बेहोश पड़े हैं। उन्हें चाकू मारा गया था।

जब उनकी शरीर को छूकर देखा तो उनकी जान निकल चुकी थी। DCP ने बताया है कि घर में कोई तोड़फोड़ के निशान नहीं हैं। किसी खिड़की या दरवाजे को तोड़ा नहीं गया है। सभी दरवाजे अंदर से बंद थे। अब यह जांच का विषय है कि वारदात को अंजाम कैसे दिया गया। राजेश की बॉडी घर में फर्स्ट फ्लोर पर मिली, जबकि पत्नी और बेटी की लाश ग्राउंड फ्लोर पर पड़ी थी। घटना के बाद पुलिस ने घर के आसपास लगे सभी CCTV कैमरों को खंगाला है। हालांकि, इनमें क्या मिला, इसे लेकर पुलिस कुछ नहीं बता रही।

जानकारी के अनुसार, रिटायर फौजी राजेश कुमार का परिवार महेंद्रगढ़ के कनीना उपमंडल के गांव खेड़ी का रहने वाला था। वह 2005 में सेना से रिटायर हुए थे। अब वह परिवार सहित साउथ दिल्ली के नेब सराय के देवली गांव में रहते थे। खेड़ी गांव के सरपंच पंकज ने बताया कि राजेश कुमार और राकेश कुमार दो भाई थे। ये दोनों सेना से सेवानिवृत्त हो चुक हैं। राकेश पटौदी में रहते हैं, और राजेश कुमार दिल्ली के देवली गांव में रहते थे। सरपंच ने बताया कि राजेश 19 नवंबर को गांव खेड़ी में आए थे। उस दिन एक लग्न का प्रोग्राम था। 23 नवंबर को गांव में एक लड़की की शादी में भी वह शामिल हुए थे। राजेश फौजी की मां आजाद देवी गांव में ही रहती हैं। उनके पिता रणजीत सिंह की सालों पहले मौत हो चुकी है। दोनों भाई अपनी मां के पास गांव में आते-जाते रहते थे।