पलवल: पलवल के चिरवाडी गांव में 60 लाख रुपये की लागत से बन रही खेतों के रास्ते की सड़क का उद्घाटन अब राजनीतिक खींचतान का कारण बन गया है। हरियाणा सरकार के खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम द्वारा 26 जून को इस रास्ते का शिलान्यास किए जाने के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी उसी कार्यस्थल पर पहुंचकर फिर से नारियल फोड़कर उद्घाटन कर बैठे।
इस घटनाक्रम के बाद से दोनों मंत्रियों के बीच खींचतान अब सार्वजनिक मंचों पर भी उजागर हो चुकी है। वहीं गांव के लोगों ने जब निर्माण कार्य में अनियमितता की शिकायत केंद्रीय मंत्री से की, तो गुस्साए केंद्रीय मंत्री ने कड़े लहजे मे कहा “यदि कार्य में कहीं भी मानकों का उल्लंघन हुआ तो न बनाने वाले को बख्शूंगा और न ही बनवाने वाले को छोड़ूंगा। लोकसभा क्षेत्र मेरा मंदिर है, वोटर भगवान हैं” । चिरवाडी गांव में जनसभा को संबोधित करते हुए कृष्णपाल गुर्जर ने कहा “मैं अपने लोकसभा क्षेत्र को मंदिर और प्रत्येक वोटर को मंदिर में बैठे भगवान की तरह मानकर पूजा करता हूं। पैसा मेरा या किसी और का नहीं, यह देश की जनता का पैसा है। इसकी एक-एक पाई का हिसाब देना होगा।” उन्होंने साफ किया कि उक्त रास्ते के निर्माण की घोषणा लोकसभा चुनाव से पहले ही कर दी गई थी, और इसके लिए बजट भी पास हो चुका था।
कृष्णपाल गुर्जर ने मंच से कहा कि “यहां मोहना गांव के लोग भी बैठे हैं जिन्होंने चुनाव में मेरे खिलाफ धरना दिया और वोट नहीं दिए, लेकिन मैं बदले की भावना से काम नहीं करता। सवाल वोट का नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का है। उन्होंने आगे कहा कि “2047 में जब भारत आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब यह देश विश्व की सर्वोच्च आर्थिक शक्ति होगा। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने देश छोड़ा तब भारत 10वें स्थान पर था, आज हम 4 वें पर हैं और दो वर्षों में तीसरे पर होंगे।”
इस उद्घाटन को लेकर खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम से सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा वह किसी और कार्य के उद्घाटन के लिए आए होंगे, रास्ते का भी कर दिया होगा। वह हमारे बड़े भाई हैं, उनका अधिकार है।
रविदास मंदिर निर्माण और अन्य घोषणाएं
कार्यक्रम के दौरान कृष्णपाल गुर्जर ने रविदास जयंती कार्यक्रम में दी गई 11 लाख रुपये की राशि का जिक्र किया और मंदिर भवन निर्माण के लिए 21 लाख रुपये की नई घोषणा भी की। साथ ही, चिरवारी में बारातघर के कार्य पूरे होने की जानकारी दी और अधूरे तालाब कार्य को जल्द पूरा कराने का वादा किया।
एक रास्ता शिलान्यास और उद्घाटन – राजनीति की दो धाराएं
एक ही विकास कार्य पर शिलान्यास और उद्घाटन अलग- अलग मंत्रियों के द्वारा होना यह दर्शाता है कि भाजपा के भीतर भी स्थानीय स्तर पर राजनीतिक समन्वय की कमी स्पष्ट रूप से उभर रही है। हालांकि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को ‘भाई’ कहकर मामले को नरम स्वरूप देने की कोशिश की है, लेकिन मंच से दिए गए तीखे बयान और निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर उठे सवाल आने वाले समय में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में गूंज पैदा कर दी है।