निमोनिया पर रोक के लिए हरियाणा में शुरू हुआ ‘सांस अभियान’, तीन साल में 2396 बच्चों ने गंवाई जान

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पंचकूला: हरियाणा में हर साल विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त हजारों बच्चों की मौत होती हैं, लेकिन पांच वर्ष की उम्र से कम आयु के बच्चों के जीवन पर सबसे अधिक खतरा निमोनिया से ग्रस्त होने के कारण होता है. क्योंकि प्रदेश भर में हर साल निमोनिया होने से सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है. नतीजतन, स्वास्थ्य विभाग के लिए हर वर्ष पांच वर्ष की आयु तक के बच्चों का जीवन निमोनिया से बचाने की चुनौती होती है. इसके लिए हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने 12 नवंबर 2025 से राज्य स्तरीय सांस अभियान शुरू किया है. जो 28 फरवरी 2026 तक जारी रहेगा.

तीन वर्षों में निमोनिया से 2396 बच्चों की मौत: हरियाणा में निमोनिया होने से हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत होती है, लेकिन वर्ष 2021 में निमोनिया से कुल 1475 बच्चों की मौत होने से अत्यधिक चिंताजनक स्थिति बन गई थी. इस वर्ष जिन बच्चों की जान गई, उनमें 953 बच्चे (लड़के) और 522 बच्चियां (लड़कियां) शामिल थी. निमोनिया से केवल एक वर्ष में कुल 1475 बच्चों की जान जाने से राज्य सरकार के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो गई, लेकिन राज्य सरकार के अलर्ट मोड़ पर आने और स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य स्तरीय अभियान और जागरूकता लाने पर आगामी वर्षों में निमोनिया से बच्चों की मौत की संख्या कम होती गई.

वर्ष 2022 में 438 बच्चों ने दम तोड़ा: हरियाणा में निमोनिया से बच्चों की मौत का दुख परिवारों को हर साल झेलना पड़ता है. वर्ष 2022 में भी निमोनिया से ग्रस्त 438 बच्चों की मौत हुई. हालांकि, वर्ष 2021 के मुकाबले यह संख्या 1037 घटी, जो राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए कुछ राहत की बात जरूर थी. 2022 में जिन बच्चों की मौत हुई, उनमें 274 बच्चे (लड़के) और 164 (लड़कियां) शामिल थी.

साल 2023 में मौतों का आंकड़ा बढ़ा: हरियाणा में वर्ष 2021 की तुलना में साल 2022 में निमोनिया से बच्चों की मौत का आंकड़ा 1037 घटकर 438 पर आने से भले ही स्वास्थ्य विभाग को कुछ राहत मिली. लेकिन साल 2023 में यह आंकड़ा फिर से ऊपर चला गया. इस साल निमोनिया से कुल 483 बच्चों ने दम तोड़ा, जिनमें 307 बच्चे (लड़के) और 176 बच्चियां (लड़कियां) शामिल थी. यह सभी आंकड़े आईसीडी के 10 वें संशोधन की राष्ट्रीय सूची के अनुसार आयु और लिंग के आधार पर जनवरी से दिसंबर तक चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित मृत्यु के हैं.

स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं साल 2024-25 के सटीक आंकड़े: हरियाणा में वर्ष 2024 और 2025 में निमोनिया से कितने बच्चों ने जान गंवाई, जब इस बारे में पंचकूला स्थित डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज से बात की गई तो उन्होंने सटीक आंकड़े नहीं होने की बात कही. स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि विभाग के पास मौजूद साल 2024 व 2025 में बच्चों की निमोनिया से हुई मौत के आंकड़े सही नहीं हैं. बताया गया कि आईसीडी की राष्ट्रीय सूची पर भी आंकड़े मौजूद नहीं है और सूची को अपडेट होने में समय लग सकता है.

निजी अस्पतालों में मौत का रिकॉर्ड नहीं: स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, डॉक्टर मनीष बंसल ने बताया कि उपलब्ध कराया गया सरकारी आंकड़ा प्रमाणित है. लेकिन विभाग के पास निजी अस्पतालों में बच्चों व अन्यों की मौत व उसके कारणों के सटीक आंकड़ों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं रहता. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी कॉमन प्लेटफॉर्म नहीं है, जहां सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में हुई मौतों की संख्या और कारणों संबंधी सटीक आंकड़ों की जानकारी अपडेट करना अनिवार्य हो. डीजी हेल्थ डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि यह केवल पीड़ित परिवारों पर निर्भर करता है कि वे अपने पारिवारिक सदस्यों की मौत और मौत के कारणों की जानकारी पंजीकृत कराते हैं या नहीं.

वेबएमडी के अनुसार, आमतौर पर निमोनिया के लक्षण व्यक्ति की उम्र, निमोनिया के प्रकार तथा व्यक्ति की प्रेजेंट हेल्थ कंडीशन पर डिपेंड करता हैं. सामान्य लक्षणों की बात करें तो निमोनिया की शुरुआत ज्यादातर सर्दी या फ्लू और हल्के बुखार से होती है. इसके अलावा निमोनिया के मुख्य लक्षण कुछ इस प्रकार हैं.

  • सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द.
  • 65 वर्ष या उससे ज्यादा एज ग्रुप के व्यक्तियों में मानसिक भ्रम की स्थिति.
  • कफ वाली खांसी.
  • बुखार, पसीना, और कपकपी वाली ठण्ड लगना.
  • थकान.
  • 65 वर्ष से ज्यादा एज वाले लोगों में और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में शरीर का तापमान सामान्य से कम होना.
  • मतली, उल्टी तथा दस्त.
  • सांस लेने में दर्द या परेशानी होना.
  • सिरदर्द, ज्यादा प्यास लगना.
  • ज्यादा पसीना और पेशाब लगना.
  • मुंह और आंखों का ड्राई होना.
  • फेफड़ों में सूजन, पल्स का बढ़ना.
  • बलगम के साथ खून आना.
  • खाना ना खाने से कमजोरी होना.

तुरंत पहचाने निमोनिया के लक्षण: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हरियाणा द्वारा जारी राज्य स्तरीय सांस अभियान के तहत लोगों को अपने बच्चों की रक्षा सुरक्षा के लिए निमोनिया के लक्षण तुरंत पहचान बारे जागरूक किया जा रहा है. देश में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण निमोनिया को बताया गया है. इस कारण लोगों से घरेलू उपचार में समय न गंवा निमोनिया के लक्षण पहचान कर बच्चे को तुरंतस्वास्थ्य कार्यकर्ता के पास या स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की सलाह दी गई है.