राजस्थान के उदयपुर के डेंटल कॉलेज में बीडीएस फाइनल ईयर की छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. सुसाइड नोट में छात्रा ने कॉलेज स्टाफ पर टॉर्चर करने के गंभीर आरोप भी लगाए हैं जिसके बाद मामला गरमा गया है. कॉलेज के छात्र उस स्टाफ मेंबर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जिन पर छात्रा ने खुदकुशी से पहले अपने सुसाइड नोट में टॉर्चर करने का आरोप लगाया है. छात्रों ने तुरंत आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है. छात्रा की मौत की खबर के बाद परिजन भी मौके पर पहुंचे हैं और शब का पोस्टमार्टम करवाया गया.
जन्मू कश्मीर के डोडा जिले के शाडोल की रहने वाली श्वेता सिंह के पिता बलवंत सिंह ने बताया कि श्वेता शुरुआत से ही पढ़ाई में अच्छी थी. जन्मू के टीनी टोर्स हाई स्कूल से स्कूली शिक्षा हुई थी उसके बाद एसपी स्मार्ट से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की थी. छात्रा डॉक्टर बनकर सेवा करना चाहती थी और अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए छात्रा ने उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज स्थित डेंटल कॉलेज में एडमिशन लिया था.
सामान के लिए मांगे थे पैसे
पिता ने बताया कि 2 दिन पहले ही बेटी से उनकी बात हुई थी और उसने कुछ सामान लेने के लिए उनसे कुछ पैसे भी मांगे थे जो उन्होंने दिए थे. कॉलेज से 10 दिन के लिए छुट्टी पर घर आई थी. परिवार में शादी में शामिल होने के लिए आई थी. लेकिन लास्ट पेपर की वजह से वह शादी अटेंड नहीं कर पाई और फिर से उदयपुर चली गई थी और वह एग्जाम को लेकर काफी चिंतित थी.
श्वेता के पिता जम्मू कश्मीर में हेड कांस्टेबल हैं और परिवार में श्वेता का एक छोटा भाई और एक छोटी बहन भी है. जैसे ही यह जानकारी मिली तो सभी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. पिता ने बताया कि यह जानकारी बेटी ने उन्हें भी बताई थी कि कॉलेज के स्टाफ प्रेशर बनाते हैं और वह अकेली नहीं है, कई सारे छात्र भी हैं जो श्वेता की तरह परेशान हैं.
सुसाइड नोट में टॉर्चर करने वालों के नाम
डेंटल कॉलेज की छात्रा श्वेता सिंह ने फांसी के फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली लेकिन खुदकुशी से पहले छात्रा ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है जिसमें कॉलेज के दो स्टाफ का नाम लिखा और कहा कि यह बार-बार उसे परेशान कर रहे थे. अटेंडेंस के नाम पर उसे टॉर्चर किया जा रहा था. छात्रा ने सुसाइड नोट में जिन आरोपियों के नाम लिखे हैं उनकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही है. जिस पर छात्रों ने प्रदर्शन किया है.