“महिला दिवस पर खास: पिता की बीमारी के बाद कैसे ड्राइवर बनी ये छोरी, जानिए उसकी कहानी”

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जींद: सोशल मीडिया से ड्राइवर छोरी के नाम से मशहूर जींद जिले की निशु देसवाल हरियाणा में लड़कियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने ये फिर से साबित कर दिया कि लड़कियां कोई भी काम कर सकती हैं। आज हम ऐसी ही छोरी की खुद्दार कहानी आपके बताएंगें।

लोडिंग टैंपू चलाने वाली निशु बीए तक बढ़ी हैं। निशु के पिता घर चलाने के लिए लोडिंग टैंपू चलाते थे। लेकिन 2022 में वे बीमार हो गए। घर का खर्च चलाने की के लिए मुश्किल होने लगी। इसलिए निशु देसवाल ने खुद ही लोडिंग टैंपू चलाना शुरू कर दिया। निशू ने बताया पहले तो सभी बोलते थे कि ये लड़की होके बाहर जाना पडेगा, मुश्किल होगी। लेकिन बाद में गलत ना होने पर सभी मान गए और काफी तारीफ कर रहे हैं।

कई जिलों में जाती है काम के लिए

निशु पढ़ाई के साथ- साथ खेत का करती और फिर गाड़ी से घर का खर्च भी चलाती। निशु कमर्शियल गाड़ी चलाने के लिए बाहर जाती हैं, जिनमें कैथल, करनाल, नरवाना, उचाना जैसे कई आसपास के क्षेत्र हैं। निशु ने बताया कि इस काम के लिए घरवालों का पूरा सपोर्ट रहा है। इसी वजह से वह बाहर काम के लिए जा सकती है। निशु इस गाड़ी से कई काम करती हैं। जिनमें पशुओं को ले जाना या फिर कोई ऐसा सामाना जो भारी हो इसी गाड़ी से करती है।

सोशल मीडिया पर हैं लाखों फॉलोअर्स

दरअसल निशु देसवास जींद जिले के हाडवा गांव की रहने वाली है। निशु सोशल मीडिया पर भी काफी मशहूर है। उनके फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर्स हैं। निशु अपनी काम की पोस्ट सोशल मीडिया पर पोस्ट करती है। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। निशु ने बताया कि सोशल मीडिसा के कारण ही लोग उनको जानने लगे हैं। जब भी कहीं जाती है तो लोग उनसे मिलते हैं तो अच्छा लगता है। निशु कहती है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता अगर वो अच्छी नीयत से किया जाए।