समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं. वो लगातार समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साध रही हैं. इस बीच एक बार फिर उन्होंने सपा प्रमुख पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सपा के पोषित माफिया और गुंडों से उनकी जान को खतरा है.
‘ पति के हत्यारे को मेरे खिलाफ चुनाव में खड़ा किया’
पत्र में पूजा पाल ने लिखा कि 2005 में उनके पति राजू पाल की सपा शासनकाल में दौड़ा-दौड़ाकर हत्या की गई थी. उस समय प्रयागराज के मुख्य मार्गों पर एके-47 से घंटों फायरिंग कर आतंक फैलाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने उनके और उनके पति के खिलाफ माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को 3 चुनावों में प्रत्याशी बनाकर विरोध किया. उन्होंने कहा कि जब मुझे सहारे की जरूरत थी, तब सपा ने मेरे पति के हत्यारे को मेरे खिलाफ खड़ा किया, लेकिन मेरे क्षेत्र की जनता और पाल समाज ने मेरा साथ दिया और सपा के अपराधी प्रत्याशियों को हराया. पूजा ने इस समर्थन के लिए जनता और पाल समाज का आभार जताया.
‘मुझे मंत्री पद नहीं, न्याय चाहिए था’
अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके बयान का जिक्र करते हुए, जिसमें उन्होंने कहा कि सपा ने पूजा को टिकट देकर विधायक बनाया, लेकिन बीजेपी ने उनका विरोध किया, पूजा ने स्पष्ट किया कि उनकी कोई महत्वाकांक्षा मंत्री बनने की नहीं थी. पूजा ने कहा कि मेरा उद्देश्य पति के हत्यारों को सजा दिलाना था. उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने मुझे न्याय दिया और हत्यारों को मिट्टी में मिला दिया, लेकिन सपा आज भी अपराधियों को दूध पिलाकर पाप कर रही है, जिसे आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी.
‘SP को अपराधियों और माफिया अतीक की बुराई बर्दाश्त नहीं’
पूजा पाल ने अपने निष्कासन की वजह को भी स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि समाज में यह भ्रम है कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के कारण उन्हें सपा से निकाला गया, लेकिन यह गलत है. मेरा निष्कासन तब हुआ, जब मैंने सदन में माफिया अतीक अहमद का नाम लिया. उन्होंने कहा कि सपा अपराधियों की बुराई बर्दाश्त नहीं कर सकी. उन्होंने दावा किया कि इस कदम से अतीक अहमद के परिवार का मनोबल बढ़ा है, जिसमें अभी भी दर्जनों अपराधी मौजूद हैं, हालांकि मौजूदा योगी सरकार के दबाव में वो चुप हो सकते हैं, लेकिन सपा के इस कदम से उनकी हिम्मत बढ़ी है, जिससे मुझे अपनी जान का खतरा है.
‘अखिलेश यादव पीडीए का अर्थ बार-बार बदलते हैं’
इसके साथ ही विधायक पूजा पाल ने सपा के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश इसका अर्थ बार-बार बदलते हैं. उन्होंने कहा कि मैं एक छोटी, अभागी, बेसहारा पाल समाज की बेटी हूं. आप राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हैं, फिर भी पीडीए पर स्थिर नहीं रह पाते. उन्होंने सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि वो भी जांच की मांग करती हैं. उन्होंने कहा कि मुझे गृह मंत्री पर अटूट विश्वास है, इसकी जांच होनी चाहिए.
‘SP शासन में होता था अपराध, योगी सरकार में मिल रहा न्याय’
अखिलेश के उस बयान पर कि मुख्यमंत्री से मिलने के बाद पूजा को खतरा कैसे बढ़ गया, पूजा ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके पति की हत्या सपा शासन में हुई थी. तब से आज तक किसी भी सरकार में ऐसा अपराध नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि मुझे डर है कि सपा के पोषित माफिया मेरी हत्या करा सकते हैं. पूजा ने सपा पर अपराधियों के प्रति प्रेम का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा माफिया का नाम लेने पर पूरी पार्टी उनके पीछे पड़ .
‘अति पिछड़ों का अपमान सपा का इतिहास है’
पूजा पाल ने अखिलेश के उस बयान पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा कि सपा से असहमत विधायकों को भाजपा मंत्री बनाए. उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि सपा की सरकार में कितने अति पिछड़ों को मंत्री बनाया गया? आपने केवल अपने समाज और मुस्लिम समाज को प्राथमिकता दी. अति पिछड़ों को जूठन जैसा सम्मान मिला. उन्होंने कहा कि यह इतिहास गवाह है कि सपा अति पिछड़ों की नहीं हो सकती.
मुझे मिटाना आसान नहीं
विधायक ने दृढ़ता से कहा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी या इसके नेताओं से कोई खतरा नहीं है. मैंने खतरों से जूझते हुए जीवन जिया है. मेरे साथ मेरे क्षेत्र की जनता और उत्तर प्रदेश का अति पिछड़ा पाल समाज चट्टान की तरह खड़ा है. पाल ने कहा कि उन्हें मिटाना सपा के लिए आसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की नीतियां सामाजिक एकता के लिए घातक है.
ये चिट्ठी लिखवा कौन रहा है?- अखिलेश
इधर पूजा पाल के दूसरे चिट्ठी वाले सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि ‘ये चिट्ठी लिखवा कौन रहा है? कोई डिप्टी सीएम या कोई बंसल साहब हैं मैं फिर दोहराता हूं कि पहली बार ऐसा देखा है कि कोई मुख्यमंत्री से मिलकर आ रहा है और उसको खतरा विपक्ष के नेता से है’.