किसान आंदोलन में जान फूंकने की रणनीति

4
SHARE

आज खाप प्रतिनिधियों ने चंडीगढ़ में किसानों के समर्थन के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान सतरोल खाप के प्रतिनिधि सतीश ने पत्रकारों से बात की और सभी किसान संगठनों से एकजुट होकर किसानों का समर्थन करने की मांग की। उन्होंने बताया कि 29 दिसंबर 2024 को हिसार में महापंचायत होने वाली है और इसके लिए सभी किसान, सभी खापों और सामाजिक संगठनों को निमंत्रित हैं। किसान आंदोलन के लिए आगे क्या किया जाएगा, इसको लेकर महापंचायत में रणनीति बनाई जाएगी और किसान संगठनों के बीच के मनमुटाव को भी खत्म करने की कोशिश की जाएगी।

सतरोल खाप के प्रतिनिधि सतीश ने किसान आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन किसी एक किसान का आंदोलन नहीं है, ये सारे किसानों का आंदोलन है। उन्होंने बताया कि पिछली बार आंदोलन के दौरान हरियाणा में तीन धरने चले थे। 102 खापों ने इस आंदोलन का समर्थन किया था और इसके लिए 11 सदस्यों की कमेटी बनाई गई थी। हरियाणा में चुनाव के दौरान के दौरान इस आंदोलन को स्थगित कर दिया गया।

हम चाहते हैं कि एक बार फिर सभी किसान संगठन आंदोलन में एक हों। खाप पंचायतें किसानों के हित के लिए साथ खड़ी हैं। हमें केंद्र सरकार से एमएसपी की गारंटी चाहिए। खापों की 11 सदस्य वाली कमेटी किसानों के आंदोलन में उनका समर्थन कर रही है। देश के सभी किसान संगठनों को भी एक साथ आना चाहिए।

सतीश ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम सरकार को चेतावनी दे रहे हैं और उनसे प्रार्थना कर रहे हैं कि अगर सरकार जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंतित है, तो दस दिन के अंदर प्रतिनिधि मंडल को किसानों से बात करने के लिए भेजा जाए। अन्यथा कोई अनहोनी हो गई इसकी जिम्मेदार सरकार ही होगी। वहीं दिल्ली कूच से रोके जाने के बाद सुसाइड करने वाले किसान रणजोध सिंह के शव को गुरुवार को शंभू बॉर्डर पर लाया गया। यहां किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर समेत अन्य किसानों ने रणजोध को श्रद्धांजलि दी।