हरियाणा में गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है। खाद्य सुरक्षा आयुक्त डाॅ. मनोज कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। खाद्य एवं औषधि विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार अब इन उत्पादों का निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पूरी तरह से रोक दी गई है।
विभाग ने साफ किया है कि प्रतिबंध के बावजूद अगर कोई इन्हें बेचता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, क्योंकि तंबाकू और निकोटिन वाले उत्पाद मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। बता दें इससे पहले हरियाणा में 6 सितंबर 2024 और उससे पहले 7 सितंबर 2003 को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था, जिसके बाद से इसे एक-एक साल के लिए आगे बढ़ाया गया था
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के तहत इस बार भी प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू किया है। साथ में विभाग ने सभी फूड इंस्पेक्टर, एसपी और सिविल सर्जन समेत खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस आदेश को सख्ती से पालन कराए। अधिनियम के अनुसार, यदि कोई उत्पाद स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाया जाता है, तो दुकानदार पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अन्य मामूली उल्लंघनों के लिए जुर्माना 2 लाख रुपये तक हो सकता है। यदि नियमों का उल्लंघन करने के कारण किसी की मृत्यु हो जाती है, तो दोषी को 7 साल से लेकर आजीवन जेल की सजा और कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
गौर रहे कि हरियाणा में हर महीने लगभग 2916 नए कैंसर के मरीज सामने आ रहे हैं। सालाना इनकी संख्या करीब 35,000 हो जाती है। इसके अलावा हर महीने लगभग 1,500 मरीज कैंसर जैसी घातक बीमारी से अपनी जान गंवा देते हैं। इस स्थिति को देखते और राज्य में लोगों की सेहत को बचाने के लिए गुटखा और तंबाकू उत्पादों पर बैन लगा दिया है।