सूर्य धनु राशि में, खरमास में मांगलिक कार्यों पर रोक, जानें लाभकारी उपाय

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करनाल: सूर्य देव साल के 12 महीने 12 राशि में गोचर करते रहते हैं. प्रत्येक महीने वह एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. जिसका असर सभी राशि ग्रह नक्षत्र पर पड़ता है और उस आधार पर ही किसी भी विवाह, मुंडन, शुभ मुहूर्त आदि की गणना की जाती है. आने वाली 16 दिसंबर को भगवान सूर्य देव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. जिसका काफी प्रभाव पड़ने वाला है. क्योंकि इस दिन से ही खरमास या मलमास शुरू हो जाएगा और 1 महीने के लिए सभी प्रकार के मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे.

जानें क्या होते हैं खरमास: खरमास को सनातन धर्म में अच्छा नहीं माना जाता और जब खरमास से शुरू होता है तो सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य पर रोक लगा दी जाती है. जब सूर्य देव धनु राशि में गोचर करते हैं और उसमें विराजमान रहते हैं. इतने दिनों तक खरमास लगा रहता है. शास्त्रों के अनुसार, धनु राशि में सूर्य देव के रहने से सूर्य देव का प्रभाव और तेज पहले से कम हो जाता है. जिसके चलते यह दिन अच्छे नहीं माने जाते. अगर कोई इन दिनों के दौरान शुभ कार्य करना चाहे तो वह पूर्ण नहीं होते. इस बार खरमास 16 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी तक रहेंगे. फिर सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे, जिसके चलते खरमास की समाप्ति हो जाएगी.

खरमास में किन कामों पर होती है रोक?: पंडित श्रद्धानंद मिश्रा ने बताया कि “खरमास के दौरान अगर कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य करता है, तो उसमें कोई ना कोई बाधा आ सकती है. खरमास के दौरान विवाह और मुंडन नहीं किए जाते. खरमास के दौरान घर प्रवेश नहीं करना चाहिए. नया वाहन नहीं खरीदना चाहिए, प्रॉपर्टी इत्यादि नहीं खरीदनी चाहिए. इसके अलावा, सोना-चांदी भी नहीं खरीदना चाहिए. भगवान की मूर्ति स्थापना भी नहीं की जाती”.

खरमास के दौरान करें यह उपाय: पंडित श्रद्धानंद मिश्रा ने बताया कि “खरमास के दौरान जहां मांगलिक और शुभ कार्य करने पर रोक लग जाती है. क्योंकि इन दिनों में सूर्य देव की चाल धीमी हो जाती है. तेज कम हो जाता है. इसलिए यह दिन अच्छे नहीं माने जाते. लेकिन कुछ ऐसे उपाय हैं, जो खरमास के दौरान करने से काफी लाभ प्राप्त होता है.