चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया है कि स्कूलों में बच्चों को दिए टैब खिलौना बन गए हैं। सरकार न तो सिम और न ही इंटरनेट दे पाई है। 700 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई योजना का बेड़ा गर्क कर दिया गया है।
हुड्डा ने कहा कि नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को दिए गए टैबलेट बिना सिम और बिना इंटरनेट के अप्रैल से ही बंद पड़े हुए हैं। लगता है कि यह सरकार अपनी ही योजना को बंद करने जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी, क्योंकि भाजपा पहले ही कांग्रेस सरकार द्वारा गरीब, एससी व ओबीसी बच्चों को दी जानी वाली वजीफा योजना को लगभग समाप्त कर चुकी है।
कांग्रेस सरकार में शुरू की गई स्पैट (स्पोर्ट्स एंड फिजिकल अप्टीट्यूड टेस्ट) व गरीब स्कूली खिलाड़ियों को आर्थिक मदद की योजना को भी बंद किया जा चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना को भी खेल बनाकर रख दिया गया है।
यही सलूक फसल बीमा योजना और कौशल रोजगार निगम के साथ हुआ है। कौशल कर्मियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। अब इसको लेकर एक और नोटिस जारी कर दिया गया है कि जो लोग कौशल निगम में पांच साल से कम समय से कार्य कर रहे हैं, उनका नौकरी से निकलना तय है।