फरीदाबाद: कहते हैं, “धरती सोना उगलती है अगर किसान मेहनत से सींचे।” फतेहपुर बिल्लौच गांव की महिला किसान पूजा ने इसी कहावत को सच कर दिखाया है। पूजा ने अपने खेत में ताइवानी नींबू के पौधे लगाए हैं, जो आज उनके परिवार की आजीविका का महत्वपूर्ण स्रोत बन गए हैं। गांव की मिट्टी इस खास नींबू के लिए वरदान साबित हो रही है। ताइवानी नींबू की खासियत यह है कि इसका छिलका बेहद पतला होता है और इसका रस इतना भरपूर होता है कि इसे देखकर कोई इसे संतरे या मौसमी समझ बैठता है।
पूजा ने बताया कि उन्होंने एक एकड़ में करीब 400 ताइवानी नींबू के पौधे लगाए हैं। यह बगान अब चार साल पुराना हो चुका है। शुरुआत में पौधे की कीमत करीब 150 रुपये थी, जिससे लागत थोड़ी अधिक आई, लेकिन अब मेहनत रंग ला रही है। वह कहती हैं, “ताइवानी नींबू को जितना पानी मिलेगा, उतना ही ज्यादा फूल और फल लगेंगे। खासकर ट्यूबवेल के पानी से नींबू जल्दी फलता है।” खेती में पूजा केवल ऑर्गेनिक खाद और गोबर का इस्तेमाल करती हैं। बारिश के मौसम में खाद को पेड़ की जड़ों के पास डालती हैं ताकि पानी के साथ खाद सीधे जड़ों तक पहुंच सके।
ताइवानी नींबू मंडी में कीमत
नींबू की बिक्री से भी पूजा को अच्छी आमदनी हो रही है। अगस्त से फरवरी तक चलने वाले इस सीजन में ताइवानी नींबू मंडी में 30 से 40 रुपये प्रति किलो बिकते हैं। पूजा बताती हैं, “शुरुआत में खर्च ज्यादा था, लेकिन अब लागत निकल चुकी है और खेत लगातार मुनाफा दे रहा है।” पूजा की मेहनत और लगन ने साबित कर दिया है कि सही दिशा में की गई खेती से ग्रामीणों की जिंदगी बेहतर बन सकती है और आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकती है।

















