पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज शुक्रवार को पूर्व विधायक हरमीत सिंह संधू को तरनतारन विधानसभा सीट पर होने वाले आगामी उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) का उम्मीदवार घोषित कर दिया. AAP विधायक कश्मीर सिंह सोहल का इस साल जून में निधन हो गया था, इस वजह से यह सीट खाली हो गई थी.
हालांकि चुनाव आयोग की ओर से तरनतारन सीट पर उपचुनाव को लेकर अभी तारीख का ऐलान नहीं किया गया है.
तरनतारन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान करते हुए कहा कि हरमीत सिंह संधू उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार होंगे. मान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “वह (संधू) आपकी पसंद हैं.” सीएम मान ग्रामीण संपर्क सड़कों के निर्माण की एक प्रोजेक्ट के शुभारंभ के लिए तरनतारन में थे.
3 बार विधायक हैं संधू
हरमीत सिंह संधू तरनतारन सीट से 3 बार विधायक रहे हैं. वह साल 2002 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे. इसके बाद संधू शिरोमणि अकाली दल के साथ जुड़ गए. वह 2007 और 2012 के चुनाव में अकाली ल के टिकट पर फिर से चुने गए.
हालांकि, उन्होंने साल 2017 और 2022 में भी वह चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. संधू इस साल जुलाई में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे.
कांग्रेस की ओर से अनिल जोशी!
दूसरी ओर, कांग्रेस भी तरनतारन सीट पर उपचुनाव के लिए अपनी तैयारी में लगी है. पार्टी ने अभी अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है. हालांकि यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी को कांग्रेस तरनतारन से मैदान में उतार सकती है.
बीजेपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी एक दिन पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस में आने से पहले उन्होंने दिल्ली में पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल और लोकसभा विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की.
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता जोशी को तब बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था, जब उन्होंने साल 2021 में अब निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को गलत तरीके से संभालने को लेकर केंद्र की आलोचना की थी. बीजेपी से निष्कासित किए जाने के बाद वह अकाली दल में आ गए थे. जोशी 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर अमृतसर उत्तर से विधायक चुने गए थे. पंजाब में 2012-2017 के दौरान अकाली-बीजेपी शासन के दौरान स्थानीय निकाय, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान मंत्री बनाया गया था.

















