यमुनानगर में सुरसुरी का आतंक, हैफेड गोदाम के आसपास के गांव परेशान; समाधान न हुआ तो तालाबंदी की चेतावनी

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यमुनानगरः हरियाणा के यमुनानगर के मलिकपुर खादर गांव स्थित हैफेड के वेयर हाउस ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है. 15 दिन से गोदाम में स्टॉक किए गए चावलों में लगी सुरसुरी निकलकर मोहल्ले के घरों में फैल रही है. घर में जहां देखो वहीं सुरसुरी का कब्जा है. घर फर्श, किचन, बेड और कपड़े में सुरसुरी ने कब्जा जमा लिया है. लगातार कई बार शिकायत के बाद समाधान नहीं होने पर परेशान स्थानीय लोगों ने गोदाम में प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो गोदाम में ताला जड़ा जायेगा.

वेयर हाउस बना जी का जंजाल: नेशनल हाईवे 907 के नजदीक बसा है मलिकपुर गांव. गांव की एंट्री से कुछ ही दूरी पर हैफेड का वेयर हाउस मौजूद है, जिसके आसपास हजारों की आबादी है. इन दिनों ये वेयर हाउस ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल बना गया है क्योंकि गोदाम में रखे करीब 20 हजार मीट्रिक टन चावलों में पिछले 15 दिनों से सुरसुरी का प्रकोप है. यह सुरसुरी शाम के वक्त गोदाम से निकलकर आबादी क्षेत्र को प्रभावित कर रही है.

‘बच्चों के कानों में न घुस जाए सुरसुरी’: ग्रामीण गुरदीप ने बताया कि “सिरसुरी का आलम ये है कि लोगों को खाना खाने तक की मुश्किल हो रही है, क्योंकि रसोई से लेकर कपड़ों तक हर जगह सुरसुरी ही सुरसुरी है. ऐसे में हम ग्रामीणों को बीमारियां फैलने का खतरा सता रहा है. सबसे बड़ा डर है कि कहीं सुरसुरी बच्चों के कानों में न घुस जाए.”

15 दिन का समय मांग रहे हैं गोदाम प्रबंधक: बता दें कि इसकी प्रजनन क्षमता बहुत ज्यादा होती है और यह बहुत तेजी से फैलती है. ग्रामीण राजेश ने बताया कि “गोदाम में कार्यरत कर्मियों को कई बार कहा गया लेकिन अब भी 15 दिन का समय मांगा जा रहा है. जल्द समाधान न हुआ तो वे गोदाम पर ताला लगाने को मजबूर होंगे.”

अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप: ग्रामीण कहते रहे कि पहले भी यही हाल था लेकिन मौसम बदलने पर खुद सुरसुरी चली गई थी. एक बार फिर वही हाल हो चुका लेकिन अब भी 15 दिन का समय मांगा जा रहा है. यह सब दर्शाता है यहां तैनात कर्मियों और अधिकारियों की लापरवाही है.

पेस्टीसाइड के लिए लाखों का बजट: ग्रामीण सतीश ने कहा कि कि “सुरसुरी के लिए लाखों की पेस्टीसाइड और लेबर का बजट आता है. यहां मौजूद कर्मियों की ड्यूटी है कि वे अनाज को कोई नुकसान न पहुंचे. लेकिन यहां का आलम कुछ और ही प्रदर्शित कर रहा है. इस बारे में सरकार को भी प्रशासन के माध्यम से अवगत कराएंगे.”