होटल में मिला था युवक का खून से लथपथ शव, पौने दो साल बाद केस दर्ज करने के आदेश

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गुड़गांव: अक्टूबर 2023 में हीरो होंडा चौक स्थित एक होटल में युवक का खून से लथपथ शव मिलने के मामले में कोर्ट ने सेक्टर-37 थाना पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास हरी किशन की अदालत ने थाना प्रभारी को आदेश दिए कि वह मामले में केस दर्ज कर अपनी एक्शन टेशन रिपोर्ट 3 अक्टूबर को अदालत में पेश करें।

एडवोकेट रोहित मदान ने बताया कि 10 अक्टूबर को गुड़गांव पुलिस की सेक्टर-37 थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि हीरो होंडा चौक पर स्थित पीयूष होटल के एक कमरे में युवक मृत अवस्था में है। जब पुलिस यहां पहुंची और शव को देखा तो पाया कि उसके मुंह और नाक से खून आया हुआ है। मृतक की पहचान दिल्ली के द्वारका के रहने वाले चंद्रमोहन के रूप में हुई थी। जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि मुस्कान नामक युवती ने यह रूम 9 अक्टूबर को बुक किया था।

पुलिस ने घटना की जानकारी जब मृतक के परिजनों को दी तो परिजन गुड़गांव आ गए। मृतक के पिता दिनेश कुमार ने पुलिस को बताया था कि उनके बेटे चंद्रमोहन का पड़ोस में रहने वाले सत्यप्रकाश उर्फ सोनू, उसकी पत्नी पिंकी, बेटा यश कुमार व बेटी मुस्कान के साथ झगड़ा हुआ था जिन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी थी। जिसके बाद 10 अक्टूबर को उन्हें चंद्रमोहन का शव उस होटल में मिला जहां मुस्कान रुकी थी और उसने ही मिलने के लिए चंद्रमोहन को गुड़गांव बुलाया था।

प्रारंभिक जांच के दौरान पुलिस ने मामले में प्रेम प्रसंग में विवाद होने के ऐंगल से जांच करने की बात कही थी। वहीं, मामले में मृतक चंद्रमोहन के पिता दिनेश कुमार ने पुलिस को शिकायत देकर बताया था कि उन्हें 10 अक्टूबर को मुस्कान ने उनके बेटे चंद्रमोहन के फोन से व्हाट्सएप कॉल कर चंद्रमोहन की तबीयत ज्यादा खराब होने की बात कही थी। इस दौरान उनके पास मुस्कान की मां आ गई थी जिसने उनका फोन छीन लिया और कई घंटे तक अपने पास रखा था। 10 अक्टूबर 2023 की रात को उन्हें गुड़गांव पुलिस ने चंद्रमोहन की मौत होने की सूचना दी थी। मामले में उन्होंने पुलिस को शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को तो सौंप दिया, लेकिन मामले में कार्रवाई के नाम पर केवल जांच होने की बात कहने लगी।

दिनेश ने एडवोकेट के माध्यम से सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत अदालत से कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी। मामले की पैरवी एडवोकेट रोहित मदान ने की। उन्होंने बताया कि मामले में अभी तक एफएसएल रिपोर्ट भी प्राप्त नहीं हुई है। इस मामले में पुलिस भी कर्रवाई से बच रही थी। अदालत में जो तथ्य पेश किए गए उनके आधार पर अदालत ने सेक्टर-37 थाना प्रभारी को आदेश दिए है कि वह केस दर्ज कर मामले की गहनता से जांच करें। अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए 3 अक्टूबर 2025 की तारीख निश्चित की है। अदालत ने थाना प्रभारी को आदेश दिए हैं कि वह अदालत के इन आदेशों की पालना कर कंप्लाइंस रिपोर्ट को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश करें।