गुड़गांव: हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने मंगलवार को गुरुग्राम में आगामी मानसून से पूर्व शहर में जलभराव की स्थिति से निपटने को लेकर नगर निगम गुरुग्राम व गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आयोजित इस बैठक में नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग, अतिरिक्त निगम आयुक्त वाई. एस गुप्ता सहित जीएमडीए के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि बरसात के दौरान अतिवृष्टि एवं जलभराव की रोकथाम के लिए पूर्व से ही समस्त व्यवस्थाएं पूर्ण कर लें। उन्होंने जिले के सभी विभागीय अधिकारियों से समन्वय कर आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी ड्रेनेज व सीवरेज का सफाई कार्य, मानसून से पूर्व निर्धारित समयावधि में पूरे किए जाए। उन्होंने कहा कि जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर के नालों का सफाई कार्य प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नगर निगम व जीएमडीए आगामी तीन साल में जलभराव की निकासी के लिए पंप व्यवस्था से हटकर स्थाई समाधान की दिशा में आगे बढ़े। बरसात के समय ग्रीन बेल्ट में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए कैबिनेट मंत्री ने सुझाव देते हुए कहा कि जीएमडीए के अधिकारी चिन्हित स्थानों पर ट्रायल के तौर पर एक निश्चित चौड़ाई का गड्ढा बनाकर। उसमें जमीन स्तर से एक फ़ीट ऊपर तक ईंट व अद्धा से भरवाना सुनिश्चित करें। इससे कम खर्च में एक तरफ जहां प्राकर्तिक रूप से जलस्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी। वहीं लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह ठीक होगा।
राव नरबीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में यमुना को साफ करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि गुरुग्राम के ड्रेनेज सिस्टम में फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी नही गिरना चाहिए। अधिकारियों द्वारा दिल्ली क्षेत्र में नजफगढ़ ड्रेन की डिसिल्टिंग के विषय पर उन्होंने कहा कि वे जल्द ही इस दिशा में दिल्ली सरकार से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा संज्ञान में आया है कि उनके निर्देशों के बावजूद शहर में चल रहे सड़क मरम्मत कार्य के दौरान साथ लगते नालों की सफाई नही की जा रही। जिससे मानसून के समय नालों के ओवरफ्लो होने से सड़क को पुनः क्षति पंहुचेगी। इसके अतिरिक्त कई स्थानों पर नालों के होल्स सड़क के स्तर से ऊंचे होने के कारण रिहायशी स्थानों पर जलभराव को स्थिति बनती है। उद्योग मंत्री ने कहा कि अधिकारी कार्य की गुणवत्ता व निर्धारित प्रक्रिया की निरन्तर मॉनिटरिंग करें अन्यथा आवश्यक कार्रवाई के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि एक अभियान के तहत सभी रिहायशी सोसाइटी में स्थापित एसटीपी की जांच सुनिश्चित की जाए कि उनमें से कितने प्रभावी रूप से कार्य कर रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री ने बैठक में अन्य मुद्दे जैसे नगर निगम गुरुग्राम से जल शुल्क का भुगतान, एमसीजी द्वारा अंडरपास की सफाई, कॉलोनियों में सीधा कनेक्शन, बूस्टिंग स्टेशन तक जाने वाली पाइप लाइन में सीधा कनेक्शन, अनधिकृत क्षेत्रों में पानी पर नियंत्रण, सड़क की नालियों में स्ट्रीट स्वीप का डंपिंग, सेक्टरों के मुख्य नाले के साथ आंतरिक नाले की कनेक्टिविटी आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक में जीएमडीए से चीफ इंजीनियर राजेश बंसल ने बताया कि जीएमडीए के पास ड्रेनेज का 135 किलोमीटर का नेटवर्क है। जिसमें चिन्हित क्षेत्रों में उच्च क्षमता वाली सुपर सकर मशीन से अभी तक 81 किलोमीटर में सफाई का काम पूरा हो चुका है व जून माह में 12 किलोमीटर का काम और पूरा हो जाएगा। इसी प्रकार सीवरेज के 150 किलोमीटर के नेटवर्क में से 83 किलोमीटर पर काम पूरा हो गया है व 14 किलोमीटर क्षेत्र में सफाई का काम जून माह तक पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में नगर निगम गुरुग्राम के अधिकारियों ने भी सीवरेज सिस्टम के सफाई कार्य की अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
बैठक में जीएमडीए के एक्सईएन विकास मलिक ने बताया कि गुरुग्राम के विभिन्न सेक्टरों में जीएमडीए द्वारा 135.90 किलोमीटर सड़क नेटवर्क का जीर्णोद्धार का काम पूरा गया है व 13.53 किलोमीटर पर कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा 87 किलोमीटर में जीर्णोद्धार व नए सड़क निर्माण का कार्य प्रस्तावित है।