पलवल। एक बार फिर पलवल जिले में जर्जर सड़कों ने एक घर का दीपक बुझा दिया। गांव बढ़ा निवासी 19 वर्षीय देवेश के लिए जर्जर हाल पड़े नूंह-पलवल स्टेट हाइवे पर सफर करना भारी पड़ गया। उसकी मोटरसाइकिल गड्ढे में फिसल गई। इसी दौरान पीछे से आ रहे अज्ञात वाहन की चपेट में वह आ गया और घायल हो गया।
बताया गया कि मौके पर अज्ञात वाहन चालक फरार हो गया। उसे फरीदाबाद के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद आनन फानन में लोक निर्माण विभाग ने मंगलवार को घटना स्थल पर गड्ढे में मिट्टी व गिट्टियां भरवा दी थीं, मगर बुधवार की देर रात हुई वर्षा में सारी मिट्टी व गिटियां निकल कर फैल गई, जिससे वहां फिर से गहरे व खतरनाक गड्ढे बन गए हैं।
इससे पहले तीन अगस्त को अलीगढ़ रोड पर भी एक महिला जर्जर सड़क की भेंट चढ़ चुकी है। इसके बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। लोगों को जर्जर सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दिया है। अभी तक प्रशासन ने किसी भी विभाग की जिम्मेदारी तय नहीं की है। किसी को भी इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है। न ही किसी के विरुद्ध कोई कार्रवाई हुई है।
जानकारी के अनुसार, देवेश के पिता ब्रह्म कारना गांव स्थित पेट्रोल पंप पर नौकरी करते हैं। बीते सोमवार को ब्रह्म पेट्रोल पंप पर रात्रि के नौकरी के दौरान आठ बजे खाना खाने घर गए थे। खाना खाने के बाद ब्रह्म के बड़े बेटे देवेश उन्हें छोड़ने के लिए मोटरसाइकिल से पंप आया था।
बताया कि जैसे ही देवेश अपने पिता को पंप पर छोड़कर वापस घर जा रहा था कि तभी सेंट एंथोनी स्कूल के पास बने गड्ढे में उसकी मोटरसाइकिल फिसल गई, तभी पीछे से आ रहे अज्ञात वाहन ने देवेश को टक्कर मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। वह काफी देर तक सड़क पर पड़ा रहा। तभी पलवल की ओर से उसके चाचा सुंदर डागर बढ़ा गांव जा रहे थे।
सुंदर ने सड़क पर घायल पड़े देवेश को पहचान लिया। सुंदर उसे तुरंत पलवल के प्राइवेट अस्पताल लेकर गया। जहां उसकी गंभीर हालत देखते हुए उसे फरीदाबाद के लिए रेफर कर दिया,जहां मंगलवार को उसकी मौत हो गई।
पेट्रोल पंप पर काम करने वाले राजेंद्र ने बताया कि जहां देवेश का एक्सीटेंड हुआ,वह जगह पेट्रोल पंप से मात्र सौ मीटर की दूरी पर है। मगर इस घटना की जानकारी पिता ब्रह्म को दो घंटे बाद मिली। राजेंद्र ने बताया कि अगर एक्सीटेंड की जानकारी उनके पिता को तुरंत मिल जाती तो हो सकता था कि देवेश का जान बच जाती।
बड़ा होनहार था देवेश
देवेश के चाचा सुंदर ने बताया कि वो बड़ा होनहार बच्चा था। देवेश ने इसी सत्र में बारहवीं कक्षा पास की थी। वो पढ़-लिखकर अपने पिता का सहारा बनना चाहता था, क्योंकि उसके पिता एक पेट्रोल पंप पर नौकरी करते है। सुंदर ने कहा कि मगर अनहोनी को कुछ ओर ही मंजूर था।