शहर का अधिकतम तापमान रविवार को 24.2 और न्यूनतम तापमान 7.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि दोपहर 11 बजे के आसपास हल्की धूप दिखाई दी। इसके बाद शाम होते ही दोबारा से आसमान में हल्की धुंध आनी शुरू हो गई।
बदलते मौसम का प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य के साथ ही पशुओं पर भी देखा जा रहा है। इस कारण चिकित्सकों ने भी ऐसे मौसम में लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है जबकि किसानों ने धुंध को फसलों के अनुकूल बताया। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में कोहरा बढ़ने की संभावना है।
सांस, दमा और नजला मरीजों के लिए परेशानी बना मौसम
सर्दी का धुंध भरा मौसम सांस, दमा और नजला संबंधी मरीजों की परेशानी बढ़ा रहा है। ठंड के कारण सांस के मरीजों को सांस लेने में परेशानी आ रही हैं। ऐसे मरीजों में अधिकतर बुजुर्ग हैं, जिन पर सर्दी का असर अधिक दिखाई दे रहा है। नजला के मरीजों में भी नाक बहने और छींक आने की शिकायतें आ रही हैं। शहर के निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। मेडिकल कॉलेज के ओपीडी विभाग में भी रोजाना 80 से अधिक मरीज सांस और अस्थमा संबंधी परेशानी बता रहे हैं, जहां चिकित्सक दवा के साथ ठंड से बचाव की सलाह दे रहे हैं। अवकाश वाले दिन रविवार को आपात विभाग और निजी अस्पतालों में भी सांस के मरीज पहुंचे।
सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। वैसे तो हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अपने खान-पान का मौसम और अपने शरीर के अनुसार बदलें। शरीर को गर्म कपड़े से ढक कर रखें। बीपी, शुगर के मरीजों को तैलीय, घी और चीनी युक्त भोजन को सीमित मात्रा में खाना चाहिए। सांस और अस्थमा के मरीजों को सुबह-शाम अधिक ठंड में सैर पर जाने से बचना चाहिए। अपने खान-पान में भी बदलाव करते हुए ठंडी खाद्य सामग्री से परहेज करना चाहिए।