पूर्व सांसद को 23 सितंबर को पहुंचना होगा High Court, कोर्ट में पेश होने का आदेश… जानिए क्या है मामला

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चंडीगढ़ : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जींद की उचाना विधानसभा सीट पर मात्र 32 मतों के अंतर से चुनाव हारे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बृजेंद्र सिंह को हाईकोर्ट ने बयान दर्ज कराने के लिए 23 सितंबर को पेश होने के आदेश दिया है। बृजेंद्र हिसार से पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। उन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़कर भाजपा के टिकट पर हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

हाईकोर्ट में बृजेंद्र ने रिटर्निंग अधिकारी द्वारा अमान्य घोषित किए गए 215 डाक मतों की दोबारा गिनती कराने संबंधी याचिका दायर कर रखी है।
उचाना से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते विधायक देवेंद्र अत्री ने बृजेंद्र की याचिका को खारिज करने के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसे अदालत ने वीरवार को अस्वीकार कर चुका है।

अक्तूबर- 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र की सिर्फ 32 वोटों से हार हुई थी। कुल 1,377 डाक मतों में से 215 को रिटर्निंग आफिसर ने अमान्य घोषित कर दिया था जबकि 1,158 डाक मतों में से 636 बृजेंद्र सिंह के पक्ष में पड़े थे। अब संशोधित याचिका के आधार पर अदालत में केवल डाक मतों की वैधता और पुनर्गणना पर बहस होगी।

बृजेंद्र ने विधानसभा चुनाव में उचाना सीट के परिणाम को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी। जुलाई में कोर्ट ने बृजेंद्र को अपनी चुनाव याचिका में संशोधन की अनुमति दी थी। संशोधन के बाद चुनाव याचिका केवल 215 अस्वीकृत डाक मतों की दोबारा जांच की मांग तक सीमित कर दी गई है। कोर्ट ने यह भी माना कि याचिकाकर्ता ने अन्य सभी आधारों को छोड़ते हुए केवल मतगणना की मांग पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि मामला शीघ्र निपट सके। कोर्ट ने इसे दुर्भावना नहीं माना और कहा कि यह प्रतिनिधित्व कानून या संविधान के विरुद्ध नहीं है।