रोहतक: कहते है जब तक भगवान न चाहे तब तक इस दुनियां में एक पत्ता तक नहीं हिल सकता। हमार जीन और मरना भगवान के हाथ में हैं, लेकिन हरियाणा में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे हर किसी ने हैरान कर दिया। यहां भगवान के घर जाने के लिए एक महिला को 3 घंटे इंतजार करना पड़ा।
दरअसल जनता कॉलोनी में रह रहीं 100 वर्षीय दुर्गा देवी का पहचान पत्र से जुड़ा कोई कागजात नहीं होने पर वीरवार को अंतिम संस्कार रोक दिया गया। अंत्येष्टि के लिए पहुंचे पूर्वांचल समाज के लोगों ने श्मशान घाट पर हंगामा किया, पुलिस बुलानी पड़ी। करीब 3 घंटे बाद देवरिया (यूपी) में मकान का ताला तोड़कर परिजनों ने आधार कार्ड का फोटो मोबाइल पर भिजवाया, तब जाकर दुर्गा देवी की चिता जली।
मूलरूप से टोलामायतुर गांव, देवरिया, यूपी निवासी दुर्गा देवी यहां रोहतक की जनता कॉलोनी में रह रही थीं। वीरवार सुबह करीब 3 बजे उनका निधन हो गया। पूर्वांचल समाज के लोग अंत्येष्टि के लिए शव शहर के प्राचीन शिव मंदिर स्थित श्मशान घाट पर ले गए। श्मशान घाट समिति ने लोगों से जब मृतका का पहचान पत्र मांगा तो नहीं मिला।