भिवानी: धार्मिक आस्था और परंपराओं की पहचान मानी जाने वाली छोटी काशी भिवानी एक बार फिर श्रद्धा और भक्ति के रंग में रंगी नजर आई. दरअसल, सिद्धपीठ बाबा जहरगिरी आश्रम में श्रीश्री 1008 सिद्ध बाबा जहरगिरी महाराज के स्मृति दिवस पर विराट वार्षिक भंडारा एवं संत समागम का भव्य आयोजन किया गया. इस मौके पर देश-विदेश से संत-महात्मा पहुंचे. आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया.
संतों और श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़: इस बारे में आश्रम पीठाधीश्वर एवं अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत जूना अखाड़ा डॉ. अशोक गिरि महाराज ने कहा कि, “परमहंस बाबा जहरगिरि महाराज के आदर्शों पर चलते हुए हर वर्ष की भांति इस बार भी विराट वार्षिक भंडारे एवं संत समागम का आयोजन किया गया है. देश-विदेश से हजारों संत महात्मा और लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं.”
भव्य भंडारे की विशाल व्यवस्था: डॉ. अशोक गिरि महाराज ने आगे कहा कि, “भंडारे के लिए 1100 क्विंटल से अधिक सामग्री से महाभोग का प्रसाद तैयार किया गया है, जिसमें देशी घी, गंगाजल और औषधि युक्त सामग्री का विशेष प्रयोग हुआ है. यह आयोजन न केवल धर्म और आस्था को मजबूत करता है, बल्कि सामाजिक समरसता, सेवा और एकता का भी संदेश देता है. आज अपनी संस्कृति और संस्कारों को बचाने की आवश्यकता है और ऐसे आयोजन उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.”
गंगाजल और औषधियों से बना महाभोग: डॉ. अशोक गिरि महाराज ने कहा कि, “भंडारे के लिए हरिद्वार से पवित्र गंगाजल मंगवाया गया. लगातार 13 दिनों तक देशी घी और करीब एक लाख 51 हजार लीटर गंगाजल से महाभोग का प्रसाद तैयार किया गया. प्रसाद में कई टन चीनी, घी, मेवा, आटा, बेसन, चावल, दूध, दही, सब्जियां और फल शामिल किए गए. इसके साथ ही लगभग 33 प्रकार की औषधीय सामग्री भी प्रसाद में मिलाई गई.”
संस्कृति और संस्कारों का संदेश: डॉ. अशोक गिरि महाराज ने आगे कहा कि, “यह विराट भंडारा और संत समागम न केवल धर्म, संस्कृति और आस्था को मजबूत करता है, बल्कि सामाजिक समरसता, एकता और सेवा भाव का भी संदेश देता है. आज पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव के बीच अपनी भारतीय संस्कृति और संस्कारों को बचाना जरूरी है. ऐसे आयोजन समाज को अपनी जड़ों से जोड़े रखने का कार्य करते हैं और नई पीढ़ी को संस्कारों से परिचित कराते हैं.”
जानें क्या बोले श्रद्धालु: वहीं, श्रद्धालु संदीप जोशी ने कहा कि, “छोटी काशी भिवानी में बाबा जहरगिरि महाराज के स्मृति दिवस पर आयोजित इस विराट भंडारे में आकर हमें आध्यात्मिक शांति और संतों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है. इतनी विशाल व्यवस्था और सेवा भाव देखकर मन प्रसन्न हो गया. यहां का वातावरण पूरी तरह धर्म, श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ है. ऐसे आयोजनों से समाज में भाईचारा और आस्था और अधिक मजबूत होती है.”

















