चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) उर्दू भर्ती मामले में आदेश जारी करते हुए 12 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी है। ये पद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) से सामान्य (जनरल) कैटेगरी में ट्रांसफर किए गए थे।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील रजत मोर ने अदालत को बताया कि एक विज्ञापन के तहत 21 फरवरी 2023 को प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) उर्दू के पद के लिए आवेदन मांगे गए थे। अंतिम परिणाम 27 जुलाई 2024 को घोषित हुआ, जिसमें ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के कुल 12 पद अन्य हरियाणा में 2 और मेवात कैडर में 10 खाली रह गए। 25 फरवरी 2019 की अधिसूचना के अनुसार, इन रिक्त पदों को जनरल कैटेगरी में ट्रांसफर कर मेरिट के आधार पर भरा जाना था, भले ही उम्मीदवार किसी भी कैटेगरी से हों।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि आयोग ने इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया और सभी 12 पद केवल जनरल कैटेगरी के ऐसे उम्मीदवारों से भर दिए जिनके अंक, कई आरक्षित वर्ग (बीसी-बी समेत) के उम्मीदवारों से कम थे। सही प्रक्रिया अपनाई जाती तो याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति का अवसर मिल सकता था।
मामले में पहले भी 16 जनवरी, 2025 को हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि सरकार नियमों के अनुरूप आदेश पारित करेगी। लेकिन जब आयोग ने आदेश की पालना नहीं की तो उम्मीदवारों ने अवमानना याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने 16 जुलाई, 2025 का आदेश पेश किया, जिसमें 12 सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के चयन की सिफारिश की गई थी।
जस्टिस त्रिभुवन दहिया की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए 16 जुलाई, 2025 को घोषित परिणाम के अनुसार नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी। साथ ही सरकार को नोटिस जारी कर 26 सितंबर, 2025 तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान इन 12 पदों पर नियुक्तियां नहीं होंगी।