रेवाड़ी में हथियार रखने का बढ़ा शौक़, आत्‍मरक्षा के नाम पर कर रहे आवेदन, हर्ष फायर‍िंग में बन रहा जान का खतरा

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 रेवाड़ी। हथियार, हथियारों का लाइसेंस, बाॅडीगार्ड ये सब कायदे से इंसानी जान की हिफाजत के लिए हैं लेकिन कई बार हिफाजच की जरूरी चीजें, शौक और जलवे में तब्दील हो जाती हैं। पिछले कुछ सालों में महंगी गाड़ी, फोन के साथ ही लाइसेंसी हथियार रखना भी स्टेटस सिंबल बन गया है। लोग आत्मरक्षा का कारण बताकर लाइसेंस प्राप्त कर महंगे हथियार खरीदने लगे हैं।

छह माह में 46 आवेदन

जिले में वर्ष 2025 में जनवरी से जून माह तक 46 लोगों ने आवेदन किया है जबकि पिछले वर्ष 64 लोगों ने आवेदन किया था। हालांकि, पिछले तीन वर्ष में कोई नया लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। इस अवधि में सिर्फ छह को लाइसेंस दिए गए है। इनमें चार निशानेबाजी के खिलाड़ी और दो ऐसे लोग जिन्हें जान का खतरा था, उन्हें हथियार के लाइसेंस दिए गए।

प्रशासन द्वारा हथियार का लाइसेंस उसे दिया जाता है जिसे किसी से जान का खतरा हो या फिर कोई बड़ा उद्योगपति हो, लेकिन भेड़चाल के चलते आज कल छोटा मोटा दुकानदार भी हथियार रखने का शौक पाल रहा है।

इसका अंदाजा जिले में हथियार लाइसेंस के आवेदन के आंकडों से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक लाइसेंस के लिए लंबी प्रक्रिया है।

शस्‍त्र लाइसेंस के लिए इनको भी दी जाती है वर‍ियता

इसके अलावा विरासत, व्यापारी, उद्यमी, बैंक संस्थागत, वित्तीय संस्थान, विभिन्न विभागों के ऐसे कर्मी जो प्रवर्तन में कार्यरत लोगों, सैनिक, अर्द्धसैनिक, पुलिसकर्मी, एमएलए, एमपी, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशानेबाज आदि को वरियता दी जाती है।

आमजन को भुगतना पड़ता है खामियाजा…

ऐसा कई बार हुआ है जब इस तरह लाइसेंसी हथियार लेने का खामियाजा आम लोगों को भी भुगतना पड़ता है। विवाह शादियों के दौरान पैलेसों में लोग अपने हथियारों से अकसर फायर करते हैं।

हथियारों का शौक रखने वाले इस प्रकार के लोग अक्सर लाइसेंसी हथियार से फायरिंग कर करते हुए दिख जाते है। कई बार तो खुशी के मौके पर लाइसेंसी हथियार से चली गोलियों से गम पसर जाता है।

इस प्रकार की घटनाएं रेवाड़ी के अलावा प्रदेश के कई अन्य जिलों में पहले देखने को भी मिली है।

किन-किन को शस्‍त्र लाइसेंस की मिलती है प्राथमिकता?

सैनिक, अर्द्धसैनिक, पुलिसकर्मी, एमएलए, एमपी, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशानेबाज आदि को वरियता दी जाती है। साथ ही, ऐसे लोग जिनकी जान को खतरा है, उन्हें शस्त्र लाइसेंस में प्राथमिकता दी जाती है।