मानसून में बढ़ा फंगल इंफेक्शन और स्कीन एलर्जी का खतरा, चंडीगढ़ PGI के डॉक्टर से जानें बचाव के आसान उपाय

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चंडीगढ़: हरियाणा समेत चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते जहां एक तरफ बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है, वहीं दूसरी तरफ त्वचा से जुड़ी बीमारियां भी तेजी से फैल रही हैं. अस्पतालों में स्किन इंफेक्शन से परेशान मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक बारिश में बढ़ी नमी की वजह से स्किन पर फंगल इंफेक्शन सबसे ज्यादा असर डाल रहा है. चंडीगढ़ के पीजीआई में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर अपूर्व शर्मा ने बताया कि लगातार भीगने और गीले कपड़ों की वजह से यह समस्या तेजी से फैल रही है.

पंजाब-हरियाणा में बाढ़ के साथ स्किन डिजीज का कहर

 हिमाचल में हो रही भारी बारिश का असर पंजाब और हरियाणा में साफ देखा जा सकता है. यहां जलभराव और नमी के कारण फंगल इंफेक्शन, रैशेज़ और स्किन से जुड़ी अन्य समस्याएं आम हो गई हैं. डॉक्टरों का कहना है कि लोग बिना देरी किए इलाज के लिए आ रहे हैं. फंगल इंफेक्शन खासकर शरीर के उन हिस्सों में होता है जो लगातार ढके रहते हैं और जहां पसीना ज्यादा आता है. यही नहीं, लंबे समय तक गीले कपड़ों में रहने से इंफेक्शन का खतरा और बढ़ जाता है.

कैसे होता है फंगल इंफेक्शन और कहां होता है असर?

डॉक्टर अपूर्व शर्मा ने बताया कि “मानसून में फंगल इंफेक्शन की सबसे आम समस्या ‘रिंगवॉर्म’ या दाद होती है. यह शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैल सकता है और यहां तक कि एक व्यक्ति से दूसरे को भी हो सकता है, खासकर जब परिवार में कोई पहले से पीड़ित हो. उंगलियों के बीच में, जांघों में, कमर या बगल जैसी जगहों पर यह समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है, जहां नमी बनी रहती है. इस वजह से स्किन पर लाल चकत्ते और खुजली होती है जो समय के साथ बढ़ती जाती है.”

अपनाएं ये घरेलू उपाय

 जो लोग किसी कारणवश डॉक्टर के पास नहीं जा पा रहे हैं, उनके लिए डॉ. शर्मा ने कुछ आसान उपाय बताए हैं. उन्होंने कहा कि “नारियल तेल लगाने से त्वचा को राहत मिलती है और फंगल की बढ़त पर कुछ हद तक रोक लगाई जा सकती है. इसके अलावा, नहाने के पानी में बीटाडिन लिक्विड मिलाकर स्नान करने से भी फंगल इंफेक्शन को रोका जा सकता है. हालांकि, अगर समस्या बढ़ जाए या स्किन पर घाव बनने लगें, तो देर किए बिना त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी है.”