पत्नी ने पति का गला दबाकर हत्या की, प्रेमी संग मिलकर घटना को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश

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यूपी के बदायूं में शराब की लत और अवैध संबंधों ने एक परिवार को तबाह कर दिया। सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के लौड़ा बहेड़ी गांव में बुधवार रात महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति भूपेंद्र की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों के बयान ने पूरा राज़ खोल दिया। पुलिस ने आरोपी पत्नी राजकुमारी और उसके प्रेमी बालवीर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

पूछताछ में राजकुमारी ने स्वीकार किया कि उसका पति भूपेंद्र शराब के नशे में आए दिन मारपीट करता था। इसको लेकर उसने मुकदमा भी करवा दिया। बाद में पति से समझौता हो गया लेकिन इसी बीच मोहल्ले के ही रहने वाले बलवीर से उसके संबंध हो गए। बताया गया कि बुधवार रात भी भूपेंद्र नशे में धुत होकर घर आया और विवाद करने लगा। इसी दौरान राजकुमारी ने बालवीर को बुलाया और दोनों ने मिलकर भूपेंद्र का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद राजकुमारी ने परिवार के लोगों को गुमराह करने के लिए कहा कि भूपेंद्र ने फंदा लगाकर जान दे दी है।

सच्चाई तब सामने आई जब भूपेंद्र की छोटी बहन गुंजन ने पुलिस को बताया कि उसने राजकुमारी के प्रेमी बालवीर को कमरे में घुसते और फिर बाहर निकलते देखा था। जब उसने टोका तो उसे भी जान से मारने की धमकी दी गई। गुंजन के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई। दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस के मुताबिक राजकुमारी ने पहले भी घरेलू कलह और मारपीट को लेकर भूपेंद्र पर मुकदमा दर्ज कराया था , लेकिन बाद में दोनों के बीच समझौता हो गया। इसके बावजूद भूपेंद्र की शराब की लत और आए दिन होने वाले झगड़ों ने हालात और बिगाड़ दिए। वहीं, भूपेंद्र के चचेरे भाई प्रमोद ने पुलिस को जानकारी दी कि राजकुमारी अपने सगे भाई के ऑपरेशन के लिए रुपये जुटाने को लेकर भूपेंद्र पर लगातार दबाव बना रही थी। इस वजह से दोनों के बीच कहासुनी और तनाव बना रहता था।

मां के साथ मासूम बेटा भी पहुंचा जेल

पुलिस ने राजकुमारी को प्रेमी संग जेल भेज दिया। राजकुमारी के साथ उसका दो साल का मासूम बेटा यश भी जेल चला गया। सवाल यह है कि क्या मां के गुनाह की सजा का बोझ बेटे को भी उठाना पड़ेगा। दो साल का यश अभी इतना छोटा है कि उसे मां से अलग करना संभव नहीं, लेकिन जेल की सलाखों में उसका बचपन कैद होना मजबूरी बन गया है।