हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियां गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही हैं। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) पर उपभोक्ताओं का बकाया जून 2025 तक बढ़कर 7,695.62 करोड़ रुपए हो गया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, न केवल ग्रामीण और शहरी घरेलू उपभोक्ता बल्कि औद्योगिक इकाइयां और सरकारी विभाग भी बिल चुकाने में पीछे हैं। बिजली निगम सरकारी तंत्र से बिलों की वसूली नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति और कमजोर हुई है।
22 लाख से अधिक उपभोक्ता बने डिफाल्टर
हरियाणा में 22 लाख 21 हजार 315 उपभोक्ता समय पर बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर पाए हैं और अब डिफाल्टर बन चुके हैं। इनमें बड़ी संख्या ऐसे उपभोक्ताओं की भी शामिल है, जिनकी बिजली आपूर्ति अभी भी चालू है, जबकि कई उपभोक्ताओं के कनेक्शन पहले ही काट दिए गए हैं।
ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं पर सबसे अधिक बकाया
- ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं का बकाया लगभग 4,400 करोड़ रुपए है।
- शहरी घरेलू उपभोक्ताओं का करीब 834 करोड़ रुपए।
- कृषि क्षेत्र के किसानों पर 194 करोड़ रुपए का बकाया।
- गैर-घरेलू (वाणिज्यिक प्रतिष्ठान) का लगभग 770 करोड़ रुपए।
- औद्योगिक इकाइयों का 1,063 करोड़ रुपए से अधिक।
- सरकारी विभागों का 389 करोड़ रुपए का बकाया।
- अन्य श्रेणियों का लगभग 43 करोड़ रुपए बकाया है।
बिजली बिल न भरने पर पहले जुर्माना और ब्याज लगाया जाता है, इसके बाद कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा सकती है।
हरियाणा में वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू
हरियाणा में बिजली बिल बकाएदारों को राहत देते हुए ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू की है। इस योजना के तहत वन टाइम बिल का भुगतान करने पर 10% की छूट और 100% सरचार्ज में छूट दी जा रही है। किश्तों में बिल भरने वाले उपभोक्ताओं को 100% सरचार्ज माफ किया जाएगा। घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा औद्योगिक और अन्य उपभोक्ताओं को भी 50% सरचार्ज माफ की सुविधा दी गई है। यह योजना छह महीने तक लागू रहेगी। ऊर्जा मंत्री ने बिजली बिल बकाएदारों से अपील की है कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।