नगीना: टीबी से ग्रस्त नूंह जिले के लोगों को जल्द ही टीबी पर अंकुश लगाने के लिए नया टीबी केंद्र मिलने वाला है।
जिले के उपचारधीन 5500 टीबी के मरीजों को अब एक ही छत के नीचे बेहतर इलाज और सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए सरकार ने एक करोड़ 57 लाख रुपये खर्च कर जिला टीबी केंद्र बनाया गया है।
जिला अस्पताल मांडीखेड़ा में बनें जिला टीबी केंद्र में सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जिसमें सभी प्रकार के टीबी के मरीजों का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया जाएगा।
नूंह के मरीजों को निजी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा
अब नीति आयोग के पिछड़े जिले नूंह के मरीजों को बड़े निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जाने और भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यहां बिगड़ी हुई टीबी का इलाज भी आसानी से हो सकेगा।
प्रदेश सरकार के द्वारा 15 अगस्त के बाद जिला टीबी केंद्र का उद्घाटन किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार टीबी यूनिटों का दौरा कर रही है।
खामियों के लिए संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को जरूरी दिशानिर्देश दिए जा रहे हैं ताकि दूरदराज के मरीजों को समय पर दवा और पोषण के लिए 6000 रुपये का प्रोत्साहन समय पर मिल सके।
इस वर्ष जनवरी से अब तक 2700 मरीजों की पहचान की जा चुकी है। टीबी को पूरी तरह से खत्म करने लिए स्वास्थ्य विभाग ने ताकत लगाई हुई है।
एक स्थान पर होंगी सभी जांच
इस केंद्र में मरीजों को एक्सरे व नाट की सुविधाएं दी जाएंगी। इसी केंद्र में मरीजों की बीपी, शुगर, हाइपरटेंशन जांच, बलगम की जांच मुफ्त की जाएगी।
मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग हो रही है। उनकी एआई स्पोर्टिड एक्स-रे रिपोर्ट जनरेट तुरंत की जाती है। ताकि जल्द इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।
इन गांवों को किया जा चुका है टीबी मुक्त के लिए चयनित
नूंह की ग्राम पंचायत नलहड़, भपावली बीरशिका, पुन्हाना की जैवंत, नीमका, डूडोली, औथा, अकबरपुर, नगीना की करहेडा, सांठावाडी, घागस, मढी, तावडू के बेरी, गोगजाका, गोयला, हसनपुर, फिरोजपुर झिरका की सुलेला, रावली, बदोपुर, सीधरावट सहित जिले की 56 पंचायतों को फ़िलहाल टीबी मुक्त के लिए चयनित किया गया है।