हरियाणा : सार्वजनिक क्षेत्र के एन.एच.ए.आई. ने कहा कि वाहनों की विंडस्क्रीन पर सही ढंग से फास्टैग न लगाने वाले चालकों को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डालने से जुड़ी प्रक्रिया को मजबूत किया है। एन.एच.ए.आई. ने फास्टैग को ठीक से न लगाने यानी ‘लूज फास्टैग’ की वजह से सुचारू टोल संचालन में आने वाली परेशानियों को कम करने के लिए यह कदम उठाया है।
‘लूज फास्टैग’ का मतलब ऐसे फास्टैग से है जो वाहन की विंडस्क्रीन पर सही तरीके से चिपकाया नहीं गया है, बल्कि चालक के पास हाथ में है या किसी ऐसी जगह पर रखा गया है जहां से उसे आसानी से स्कैन नहीं किया जा सकता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) ने कहा कि वार्षिक पास प्रणाली और मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एम.एल.एफ.एफ.) टोलिंग जैसी आगामी पहलों को देखते हुए फास्टैग की प्रामाणिकता और प्रणाली की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए ‘लूज फास्टैग’ मुद्दे को हल करना अहम है।
बयान के मुताबिक फास्टैग को ठीक से न लगाने से टोल प्लाजा पर परिचालन संबंधी चुनौतियां पैदा होती हैं और लेन में भीड़-भाड़, झूठे चार्जबैक, इलैक्ट्रॉनिक टोल संग्रह ढांचे में व्यवधान, टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी और अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को असुविधा होती है।
एन.एच.ए.आई. ने समय पर सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए अलग से ई-मेल आईडी मुहैया कराई है और टोल संग्रह एजैंसियों एवं उपयोगकर्ताओं को ऐसे फास्टैग की तुरंत सूचना देने का निर्देश दिया है। प्राधिकरण ने कहा कि इस बारे में मिली सूचनाओं के आधार पर संबंधित फास्टैग को तत्काल काली सूची में डालने की कार्रवाई की जाएगी।