ये सिर्फ घर नहीं थे, ये उनके सपने थे, BJP सरकार ने बेरहमी से उजाड़ दिया… दिल्ली में झुग्गियों के तोड़े जाने पर बरसे राहुल गांधी

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दिल्ली में अशोक विहार में जेलरवाला बाग और वजीरपुर झुग्गियों को तोड़े जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने चिंता जताई और बीजेपी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि सोचिए, अगर आपके अपने मां-बाप, बच्चे या भाई-बहन के सिर से अचानक छत छीन ली जाए – अगर आपके पूरे परिवार को एक ही पल में बेघर कर दिया जाए, तो आपको कैसा लगेगा?

राहुल गांधी ने कहा कि ये सिर्फ घर नहीं थे – ये उनके सपने, उनका सम्मान और जीने का सहारा था. प्रशासन की आड़ में किया जा रहा यह अत्याचार, गरीबों के प्रति BJP की संवेदनहीनता और सत्ता के घमंड को उजागर करता है.

उन्होंने कहा कि हम इन उजाड़े गए परिवारों के साथ मजबूती से खड़े हैं. ये लड़ाई अब सिर्फ़ घरों की नहीं, इंसाफ़ और इंसानियत की है – और हम हर मोर्चे पर लड़ेंगे.

राहुल गांधी ने उजाड़े गए झुग्गियों का किया था दौरा

संसद के चल रहे मानसून सत्र के बीच, शुक्रवार को अशोक विहार में जेलरवाला बाग और वजीरपुर झुग्गियों का दौरा किया था. पिछले महीने कई घरों को ध्वस्त कर दिया गया था.

कांग्रेस नेता ने झुग्गी बस्तियों का निरीक्षण किया और लोगों से बात की था. जिन्होंने बेघर होने की अपनी समस्याएं साझा कीं. गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया कि कांग्रेस उनके साथ खड़ी है और उनकी लड़ाई को अदालत तक ले जाएगी. उन्होंने लोगों को इस मुद्दे को संसद में उठाने का आश्वासन भी दिया.

रविवार को राहुल गांधी ने झुग्गियों का दौरा करने और वहां के लोगों से बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है और बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है.

सरकारी जमीन पर बनी झुग्गियों को तोड़ने का अभियान

16 जून को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत सरकारी जमीन पर अवैध निर्माणों को हटाने के लिए अशोक विहार क्षेत्र के जेलरवाला बाग और वजीरपुर की झुग्गियों में तोड़फोड़ अभियान चलाया था.अभियान के दौरान लगभग 200 आवास ध्वस्त कर दिए गए, जिससे कई लोग बेघर हो गए.

आम आदमी पार्टी (आप) और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति दोनों ही लगातार तोड़फोड़ अभियान को लेकर भाजपा पर निशाना साध रहे हैं. डीडीए के अनुसार, यह अभियान जेलरवाला बाग में स्थित मकानों पर केंद्रित था, जहां निवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहले ही वैकल्पिक फ्लैट आवंटित किए जा चुके थे, तथा वजीरपुर में रेलवे लाइन के पास की भूमि को खाली कराने के उद्देश्य से मकानों को तोड़ा गया.

30-35 सालों से रह रहे थे लोग

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1675 फ्लैट बनाए गए, जिनमें से 985 फ्लैट आवंटित किए गए. शेष लोगों को फ्लैट नहीं मिले और उनमें से कुछ लोग तो अपनी जमीन खाली करने पर उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश भी प्राप्त करने में सफल रहे.

करीब 250 परिवार ऐसे हैं जिन्हें न तो फ्लैट मिल पाया और न ही स्थगन आदेश. डीडीए ने इन परिवारों को निशाना बनाया है और अब वे बेघर हो गए हैं. कई लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि अदालत के स्थगन आदेश के बावजूद उनके मकान ध्वस्त कर दिए गए, जबकि जिन लोगों को फ्लैट आवंटित किए गए थे, उन्होंने शिकायत की कि क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. जेलरवाला बाग झुग्गी बस्ती के निवासियों ने बताया कि वे यहां लगभग 30 से 35 वर्षों से रह रहे हैं.