हरियाणा की युवा आईपीएस अधिकारी सृष्टि गुप्ता ने अपनी कड़ी मेहनत, ईमानदारी और साहसिक फैसलों से पुलिस सेवा में एक नई मिसाल कायम की है। पंचकूला में डीसीपी के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने न केवल कानून-व्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि समाज में महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी।
कार्यभार संभालते ही सख्त कदम
सृष्टि गुप्ता ने डीसीपी का पद संभालते ही अधिकारियों के साथ बैठक की और जिले की कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिला सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा, बुजुर्गों और बच्चों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, नशे के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए, उन्होंने ड्रग तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही।
देर रात की छापेमारी
सृष्टि गुप्ता की कार्यशैली को लेकर उन्हें ‘सिंघम’ के रूप में जाना जाने लगा है। उन्होंने देर रात क्लबों, शराब के ठेकों और चेक नाकों पर छापेमारी की, जिससे हड़कंप मच गया। उनका यह कदम महिलाओं की सुरक्षा और शहर में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से था। इस साहसिक अभियान की सोशल मीडिया पर भी खूब सराहना हुई।
पुलिसकर्मियों के लिए स्वास्थ्य शिविर
डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने पुलिस लाइन में शाल्बी अस्पताल के सहयोग से निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में 120 से ज्यादा लोगों की जांच की गई। डीसीपी ने कहा कि पुलिस बल का स्वास्थ्य सर्वोपरि है और ऐसे शिविर नियमित रूप से लगने चाहिए।
ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया
एक बार, सिविल ड्रेस में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने डीसीपी सृष्टि गुप्ता को पहचान नहीं पाया और उनसे शराब परीक्षण करने के लिए कहा। उनकी सतर्कता और कर्तव्यनिष्ठा से प्रभावित होकर, डीसीपी ने उन्हें नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों को मान्यता देने से न केवल सम्मानित व्यक्तियों का मनोबल बढ़ता है, बल्कि फोर्स में अन्य लोगों को भी अपने कर्तव्यों को ईमानदारी और समर्पण के साथ निभाने की प्रेरणा मिलती है।
मीडिया और पत्रकारिता में रुचि
डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने हाल ही में अमर उजाला कार्यालय का दौरा किया और अखबार के प्रकाशन से जुड़ी हर विधा से रूबरू होने के साथ इसकी व्यावहारिक चुनौतियों की जानकारी हासिल की। उन्होंने रिपोर्टिंग, एडिटिंग, पेज कंपोजिशन से लेकर हर पहलू को बारीकी से जाना। सृष्टि गुप्ता की कार्यशैली और उनके द्वारा उठाए गए कदम यह दर्शाते हैं कि वे न केवल एक सक्षम पुलिस अधिकारी हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध भी हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और साहसिक फैसले उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत बनाते हैं।