अंबाला: हिंदुस्तान में महिलाएं हरियाली तीज को बेहद खुशी से मनाती हैं. आज यानी रविवार को हरियाली तीज देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है. यह पर्व सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है. यह तीज तीन प्रमुख तीज में से एक है, हरियाली तीज,कजरी तीज और हरतालिका तीज. इन तीनों में से हरियाली तीज का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसे सावन के मौसम में प्राकृतिक हरियाली के बीच अत्यंत उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है. यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की स्मृति में मनाया जाता है.
महादेव और माता पार्वती की होगी पूजा: इस दिन महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा-आराधना करती हैं. अपने वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि और पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. व्रत के नियमों का पालन करती हैं. पूजा के बाद पति के चरण स्पर्श कर व्रत पूरा करती हैं. जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना कर ये व्रत रखती हैं. इस दिन मायके से विवाहित बेटी के घर कोथली जाती है. जिसमें सिंधारा, घेवर, फिरनी और खाने के अन्य व्यंजन दिए जाते हैं.
हरियाली तीज का पूजन मुहूर्त: पंडित ने बताया कि हरियाली तीज पर पूजा करने का विशेष मुहूर्त शाम तक रहेगा. लेकिन पूजा का शुभ ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4.40 से शुरू होकर सुबह के 5.30 तक रहेगा. अमृत काल मुहूर्त दोपहर बाद 1.56 से शुरू होकर दोपहर 3.34 तक रहेगा. विजय काल मुहूर्त दोपहर 2.55 से शुरू होकर दोपहर 3.48 तक रहेगा. अभिजीत शुभ मुहूर्त दोपहर 12.19 से लेकर दोपहर 1.11 तक रहेगा. जबकि गोधूलि मुहूर्त शाम के 7.16 से रात के 8.22 तक रहेगा. इन मुहूर्त के दौरान पूजा करने का विशेष फल प्राप्त होगा. हरियाली तीज के व्रत का पारण सूर्यास्त के बाद किया जाएगा.
हरियाली तीज पर पूजन विधान: पंडित पवन शर्मा ने बताया कि हरियाली तीज को विशेष तौर पर विवाहित महिलाएं मानती हैं. सवान महीने में आने वाली हरियाली तीज पर महिलाएं झूला झूलती हैं. माता-पिता अपनी विवाहित बेटी के लिए कोथली संधारा देते हैं. इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और नए कपड़े पहने. महिलाएं इस दिन व्रत रखने के लिए 16 श्रृंगार करें. उसके साथ हरे रंग के वस्त्र धारण करें. उसके बाद माता पार्वती और महादेव के आगे पूजा-अर्चना करें और उनको प्रसाद का भोग लगाएं.
मां पार्वती और महादेव की आराधना: ध्यान रहे कि माता पार्वती और महादेव की पूजा-अर्चना करने से पहले उनकी चौकी को ईशान कोण में स्थापित करें. उसके बाद उनकी पूजा-अर्चना करें. माता पार्वती और महादेव के साथ गणेश की भी पूजा-अर्चना करें. जो महिलाएं व्रत रखना चाहती हैं, वह व्रत रखने का प्रण लें. माता पार्वती को फल-फूल और मिठाई अर्पित करें. हरियाली तीज के दिन तीज की कथा अवश्य करें. सुबह शाम दोनों समय मां पार्वती और महादेव की आरती करें. महादेव और मां पार्वती से अपने पति और बच्चों की लंबी उम्र की कामना करें. व्रत के पारण समय अपने व्रत का पारण कर लें. दिन के समय विवाहित महिला अपनी कोथली से कुछ व्यंजन अपने सास-ससुर को भेंट करें.
हारों की होगी शुरुआत: हरियाली तीज इसलिए भी खास मानी जाती है, क्योंकि इस दिन से त्योहारों की शुरुआत हो जाती है. इसके बाद रक्षाबंधन का त्यौहार, श्री कृष्ण जन्माष्टमी और नवरात्रि-दीपावली, दशहरा का त्यौहार आता है. हिंदू धर्म में इन सभी धर्मों को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. सावन के माह में हर ओर हरियाली ही हरियाली होती है, इसलिए इसे हरियाली तीज कहा जाता है.
सुहागिनों के लिए खास है हरियाली तीज: हरियाली तीज के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं. हरी चूड़ियां, हरे वस्त्र और मेहंदी लगाकर इस तीज को मनाती हैं. इस दिन महिलाएं झूला भी झूलती हैं. जो कि बेहद अहम माना जाता है. इस दिन आटे का हलवा विशेष तौर पर बनाना चाहिए. या फिर खीर का भोग भी महादेव को लगा सकते हैं. इस पर्व पर विशेष तौर से घेवर खाना शुभ माना जाता है. घेवर और फिरनी मायके से बेटी के ससुराल भी भेजी जाती है. श्रृंगार का सामान बेटी को भेंट किया जाता है. हरे वस्त्र और उपहार दिए जाते हैं. इस दिन व्रत वाली महिलाओं को मां पार्वती को भी सोलह श्रृंगार का चढ़ावा करना चाहिए. जिससे सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का भी आशीर्वाद मिलता है.
हलवाई भी उत्साहित: आपको बता दें कि हरियाली तीज को लेकर बाजारों में रौनक है. हलवाई की दुकान पर भीड़ लगी हुई है. जिसके चलते हलवाई के लिए भी यह त्योहार बेहद खास माना जाता है. क्योंकि इस दिन से त्योहारी सीजन की शुरुआत होती है और उनकी दुकान पर ग्राहकों की भीड़ लगी होती है. इसलिए हलवाई भी उत्साहित नजर आ रहे हैं. हलवाई का कहना है कि त्योहारी सीजन में मिठाई का कारोबार काफी अच्छा चलता है. हलवाई ने बताया कि अंबाला का घेवर काफी मशहूर है. उन्होंने बताया कि मलाई वाले घेवर की आज बहुत डिमांड है, लोगों को मलाई वाला घेवर खूब पसंद आता है. इसलिए उनकी अच्छी कमाई हो जाती है. अब तो आगे त्योहार का ही सीजन चलने वाला है, तो हलवाई के लिए काफी अच्छा समय रहने वाला है.