आज उठेगा पाकिस्तानी जासूस के गुनाहों से पर्दा,आरोपी के मोबाइल और लैपटॉप से अहम डाटा किया रिकवर

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कैथल: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए गांव मस्तगढ़ निवासी देवेंद्र के गुनाहों से आज पर्दा उठ सकता है। पंचकूला स्थित फोरेंसिक लैब (FSL) ने आरोपी के मोबाइल फोन और लैपटॉप से डिलीट डाटा को काफी हद तक रिकवर कर लिया है। यह डाटा कैथल साइबर पुलिस को आज सौंपा जाएगा, जिसके आधार पर आगे की जांच में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी के कब्जे से दो मोबाइल फोन और एक लैपटॉप जब्त किया था। इन सभी उपकरणों का डाटा डिलीट पाया गया, जिसे रिकवर करने के लिए पंचकूला की फोरेंसिक लैब भेजा गया था। लैब द्वारा डाटा को काफी हद तक सफलतापूर्वक रिकवर कर लिया गया है। इस डाटा से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि आरोपी ने पाकिस्तान को कौन-कौन सी संवेदनशील सूचनाएं भेजीं।

सोशल मीडिया पर अवैध असले की फोटो से खुला था राज
संदिग्ध 25 वर्षीय देवेंद्र को कैथल की स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट ने पहले अवैध हथियार के साथ सोशल मीडिया पर फोटो डालने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान जब उसकी डिजिटल गतिविधियों की जांच की गई, तब यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहा था। इसके बाद आरोपी के खिलाफ साइबर थाना में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) और देशद्रोह की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

एसपी ने जांच के लिए बनाई चार सदस्यीय कमेटी
एसपी आस्था मोदी द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई है।जिसकी अध्यक्षता डीएसपी गुरविंदर सिंह कर रहे हैं, इस टीम में साइबर थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर शुभांशु के साथ सिविल लाइन थाना के इंस्पेक्टर साहिल कुमार व स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर रमेश कुमार को भी शामिल किया गया है। ये चार सदस्यीय विशेष कमेटी मामले की बारीकी से जांच कर रही है। आरोपी देवेंद्र के पैसों के लेन-देन की गतिविधियों को भी खंगाला जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि उसे पाकिस्तान से किसी प्रकार की आर्थिक मदद तो नहीं मिली।

तीन दिन की रिमांड पर आरोपी से हो रही गहन पूछताछ
कोर्ट ने आरोपी को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था, जिसके दौरान उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि रिकवर किए गए डाटा के आधार पर आज की जांच में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह मामला अत्यधिक संवेदनशील बन गया है और आरोपी से जुड़ी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।

व्हाट्सएप और स्नैपचैट के जरिए एजेंटों से करता था संपर्क
साइबर थाना प्रभारी उप निरीक्षक शुभांशु ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी स्नैपचैट और व्हाट्सएप के जरिए पाकिस्तान में मौजूद पीआईओ (Pakistan Intelligence Operatives) एजेंटों से संपर्क में था। डाटा रिकवरी से उम्मीद जताई जा रही है कि पाकिस्तान को भेजी गई सूचनाओं का ब्यौरा मिल सकता है।