चंडीगढ़। हरियाणा में अगले साल मार्च-अप्रैल में खाली हो रही राज्यसभा की दो सीटों के लिए अभी से लॉबिंग शुरू हो गई है। फिलहाल राज्य की दोनों सीटें भाजपा के पास हैं। एक सीट पर किरण चौधरी और दूसरी पर रामचंद्र जांगड़ा राज्यसभा सदस्य हैं। दोनों का कार्यकाल नौ अप्रैल 2026 तक है।
इससे पहले मार्च में राज्यसभा के चुनाव की प्रक्रिया चालू हो सकती है। विधानसभा में विधायकों के संख्या बल के आधार पर एक सीट भाजपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में जाने की संभावना है। इस दोनों सीटों पर काबिज होने के लिए भाजपा व कांग्रेस नेता अभी से प्रयासरत हैं।
हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से पांच पर भाजपा व पांच पर कांग्रेस सांसद चुनाव जीते हैं। भाजपा के पांच सांसदों में से तीन मनोहर लाल (करनाल), कृष्णपाल गुर्जर (फरीदाबाद) और राव इंद्रजीत (गुरुग्राम) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री के तौर पर हरियाणा की जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
दो सीटों पर धर्मवीर सिंह (भिवानी) और नवीन जिंदल (कुरुक्षेत्र) चुनाव जीते हैं। कांग्रेस की पांच सीटों पर रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा, अंबाला से वरुण मुलाना, सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी, हिसार से जयप्रकाश जेपी और सिरसा से कुमारी सैलजा का प्रतिनिधित्व है।
राज्यसभा की सभी पांच सीटों पर भाजपा का कब्जा है। अकेले कार्तिकेय शर्मा निर्दलीय राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन वह भाजपा के सहयोग से ही चुनाव जीते हैं। बाकी चार सदस्य रामचंद्र जांगड़ा, सुभाष बराला, किरण चौधरी और रेखा शर्मा का कार्यकाल साल 2028 और 2030 में खत्म हो रहा है।
ऐसे में जांगड़ा और किरण की खाली हो रही सीटों पर कई राजनेताओं की निगाह टिक गई है। भाजपा में अभी तक जितने भी प्रमुख राजनीतिक घरानों के लोग और कद्दावर नेता आए हैं, वह सभी महत्वपूर्ण पदों पर एडजेस्ट हो चुके हैं। अकेले कुलदीप बिश्नोई ऐसे हैं, जिन्हें भाजपा से विशेष तोहफा मिलने की आस बनी हुई है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल पिछले दिनों कुलदीप बिश्नोई के आवास पर भोज कर चुके हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में कुलदीप बिश्नोई की नए साल में किस्मत पलटने की चर्चा चल पड़ी है। रोहतक, अंबाला, सोनीपत, हिसार और सिरसा में चूंकि भाजपा के सांसद नहीं हैं, ऐसे में इन पांचों लोकसभा क्षेत्रों से किसी नेता को राज्यसभा भेजा जा सकता है।
कुलदीप बिश्नोई के अलावा भाजपा के अन्य दावेदारों में कैप्टन अभिमन्यु, असीम गोयल, मोहन लाल बडौली और संजय भाटिया के नाम लिए जा सकते हैं। किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, लेकिन वह दोबारा इस सीट के लिए प्रयास कर सकती हैं।
कांग्रेस की ओर से एक सीट पर राज्यसभा के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह अथवा उनके पूर्व सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह का नाम चर्चा में है, लेकिन उनका हुड्डा गुट को आशीर्वाद नहीं मिला तो मुश्किल हो सकती है। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डा. अशोक तंवर भी राज्यसभा के लिए कोशिश कर सकते हैं।
दक्षिण हरियाणा के प्रमुख नेता राव दान सिंह और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले अनिल यादव पाल्हावास भी राज्यसभा के लिए किस्मत आजमा सकते हैं। इस सीट पर कांग्रेस किसी एससी-बीसी को राज्यसभा भेज सकती है, जबकि भाजपा की कोशिश भी यही रहेगी कि किसी एससी-बीसी या पंजाबी-वैश्य पर दांव खेला जा सके।
राज्यसभा की एक सीट के लिए 30 वोट जरूरी
हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए मतदान होने पर अगर तीन उम्मीदवार मैदान में होते हैं तो सीट जीतने के लिए 30 वोट जरूरी हैं। वर्तमान में कांग्रेस के पास 37 विधायक है और भाजपा के पास तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ विधायकों का संख्या बल 51 है।
दो इनेलो विधायक राज्यसभा के चुनाव में कांग्रेस को वोट देंगे, इसकी बिल्कुल भी संभावना नहीं है। भाजपा कम से कम आठ कांग्रेस विधायकों को अगर क्रास वोटिंग के लिए मनाने में सफल हो, तब वह कांग्रेस से दूसरी राज्यसभा की सीट छीन सकती है।
राज्यसभा के मौजूदा सांसदों की पार्टी और कार्यकाल
1. रामचंद्र जांगड़ा (ओबीसी) – भाजपा – कार्यकाल 10 अप्रैल 2020 से नौ अप्रैल 2026 तक
2. किरण चौधरी (जाट) – भाजपा – कार्यकाल 28 अगस्त 2024 से नौ अप्रैल 2026 तक
3. सुभाष बराला (जाट) – भाजपा – कार्यकाल तीन अप्रैल 2024 से दो अप्रैल 2030 तक
4. रेखा शर्मा (ब्राह्मण) – भाजपा – कार्यकाल 13 दिसंबर 2024 से एक अगस्त 2028 तक
5. कार्तिकेय शर्मा (ब्राह्मण)- निर्दलीय – कार्यकाल दो अगस्त 2022 से एक अगस्त 2028 तक

















