‘अमन को जबरन रूसी सेना में भर्ती कराया’: आशीष ने बताया कि “18 जून 2024 को मेरा भाई अमन रूसी भाषा सीखने गया था. वीजा खत्म होने के बाद वह भारत लौटने की योजना बना रहा था. तब उसे वहां किसी ने लालच दिया कि वो उसका वीजा बढ़वा देगा. साथ में उसकी सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी लगवा देगा. जिससे उसकी अच्छी इनकम हो जाएगी. अमन ने उसकी बात मान ली. इसके बाद उन्होंने अमन से जबरदस्ती एक कॉन्ट्रेक्ट साइन कराया जो रसिया लैंग्वेज में था. जब अमन ने उसे फोन के जरिए ट्रांसलेट करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अमन को ऐसा नहीं करने दिया और फोन जब्त कर लिया. बाद में पता चला कि ये सिक्योरिटी गार्ड की नहीं बल्कि आर्मी की जॉब थी. उसे करीब 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई और फिर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के मैदान में उसे उतार दिया गया.”
नारनौंद के विधायक जस्सी की प्रतिक्रिया: नारनौंद से कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ ने कहा कि “हरियाणा के 28 युवक रूस में फंसे हैं. इनमें मेरे हलके के गांव मदनहेड़ी के दो युवक शामिल हैं. मैं दोनों परिवार की मदद के लिए पिछले 15 दिनों से विदेश मंत्रालय के चक्कर लगा रहा हूं. परिवार के सदस्यों ने भी केंद्र सरकार से गुहार लगाई है. दूतावास में दोनों युवकों को लेकर संपर्क किया जा रहा है. हिसार व रोहतक के सांसद विदेश मंत्री से मिलने के लिए समय मांग रहे हैं.”
रूसी भाषा में आया मैसेज, अनुवाद के बाद खुलासा: अमन का साथी सोनू भी लापता है. सोनू के छोटे भाई अंकित ने बताया कि 19 सितंबर को टेलीग्राम पर एक रूसी अधिकारी का मैसेज आया. संदेश पूरी तरह रूसी भाषा में था. परिवार ने उसे भाषा विशेषज्ञ से अनुवाद करवाया. उसमें लिखा था कि सोनू 6 सितंबर से लापता था और अब उसकी डेड बॉडी मिल गई है. इसके साथ ही लिखा गया कि शव को लेने के लिए परिवार को मॉस्को आना होगा. इस संदेश के बाद परिवार सदमे में है. सोनू और अमन का परिवार दोनों को भारत सुरक्षित लाने की गुहार लगा रहा है.