युवाओं को शराब से बचाने के लिए बुजुर्गों की अनोखी मुहिम, ठेके पर जाकर करते हैं ये काम

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नूंह : नूंह के गांव महू के युवाओं को शराब की लत से बचाने को ग्रामीणों ने बड़ा मोर्चा खोल दिया है। इसके लिए गांव के जिम्मेदार लोगों का समूह शराब के ठेके पर आने वाले युवाओं से बात करके होने वाले नुकसान के बारे में बतात है। करीब 7 हजार आबादी वाले इस गांव के बजुगों ने बैठक के बाद फैसला लिया कि शराब की बूरी लत से युवाओं को रोकेंगे। जिसके लिए ग्रामीणों ने कमेटी का गठन किया।

इस कमेटी के सदस्यों ने घर-घर जाकर युवाओं को समझाया जो शराब की लत से घिरने लगे थे। फिर गांव के पास बने शराब के ठेके के पास ग्रामीण पहरा दे रहे हैं। संगठन के सदस्य ठेके से कुछ दूरी पेड़ या दूसरे ठिकानों पर बैठकर निगरानी करते हैं। जब भी कोई युवा शराब खरीदने के लिए आता है तो रोककर उन्हें समझाते हैं।

नियमों के तहत खोला है ठेका- संचालक

ठेका संचालक ने कहा कि उनके आसपास के गांव के कई ठेके हैं। हमने सरकार को फीस देकर नियमों के तहत ठेका खोला था। लेकिन ग्रामीण शराब की दुकान पर आने वालों से मारपीट करते हैं, यहां तक की उनकी शराब भी छीन लेते हैं। जिस वजह से अब पुलिस की सहायता लेनी पड़ेगी।

केवल समझाते हैं- ग्रामीण

वहीं गांव के सरपंच जुबैर अहमद का कहना है कि शराब के ठेके की बिक्री 90% तक गिर गई है। हाजी अशरफ, नूर मोहम्मद व पूर्व सरपंच रशीद का कहना है कि हम युवाओं को शराब पीने से रोकते हैं। किसी ने शराब के ठेके का कोई विरोध नहीं किया। हम सिर्फ समझाते हैं, यदि कोई नहीं मानता तो उसे ठेके पर जाने से नहीं रोकते हैं।