हरियाणा में सब्जियों की कीमतों ने तोड़े रिकॉर्ड, शिमला मिर्च 100 पार पहुंची, उपभोक्ता परेशान

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बहादुरगढ़  : इस बार हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण किसानों को भारी क्षति पहुंची है। लगातार बारिश से जहां सब्जियां खेतों में ही सड़ गईं, वहीं अब प्रदेश भर की मंडियों में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। हाल यह है कि दुकानों से मटर ही गायब हो गया है, मटर का भाव 80 रुपये पाव तक पहुंच गई है। जबकि अन्य सब्जियों में शिमला मिर्च 100 रुपये के आंकड़े को पार कर चुकी हैं। ऐसे में आपदा के दौर में उपभोक्ता महंगाई की मार झेलने को मजबूर हैं। आम लोगों की थाली पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। तो वहीं सभी विक्रेताओं को भी इसकी मार झेलनी पड़ रही है।

बारिश और बाढ़ के कारण खेतों में सड़ी सब्जियां

प्रदेश में हुई भारी बारिश से किसानों-बागवानों को करोड़ों रुपये की क्षति पहुंची है। दो माह लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के कारण अधिकतर सब्जियां खेतों में सड़ गई हैं। वहीं, बाजार में जो सब्जियां बिकने को पहुंच भी रही हैं, उनके दाम सुनकर उपभोक्ता परेशान हैं। ऐसे में सब्जियों की खरीद आम लोगों की पहुंच से बाहर होती जा रही है। बरसात के कारण सब्जी उत्पादन घटा है और बाजार में पूर्व के वर्षों की भांति सब्जियां नहीं पहुंच रहीं हैं।

बहादुरगढ़ में दुकानों में सब्जी का रेट

राजधानी दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ शहर में इन दिनों सब्जी की दुकानों से मटर गायब हो गया है। वहीं, बात करें शिमला मिर्च की, तो शहर में शिमला मिर्च 120 रुपये प्रति किलो, फ्रांसबीन 100 रुपये, घीया 80, टमाटर 70, प्याज 35, खीरा 50 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है। बीते वर्षों में जहां बंदगोभी की इस मौसम के दौरान 20-30 रुपये में बिकती रही है, वहीं इस वर्ष बंदगोभी 50 रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है। ऐसे में आम उपभोक्ताओं की पहुंच से सब्जियां बाहर हो गई हैं।

सब्जियों के बढ़े दाम से उपभोक्ता चिंतित

एक तरफ जहां सब्जियों के बढ़े दाम से उपभोक्ता खासे चिंतित हैं। वहीं, सब्जी विक्रेता भी महंगाई की मार से त्रस्त हैं। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि सब्जियों की पैदावार भारी बरसात से प्रभावित हुई है। महंगे दामों के चलते लोग सब्जियां अपेक्षा से कम खरीद रहे हैं। दाम बढ़ने के कारण मांग घट गई है। यदि दामों में गिरावट आती है, तो जाहिर तौर पर सब्जियों की मांग में भी इजाफा होगा।