गुरुग्राम में वैरिफिकेशन ड्राइव से बढ़ा पुलिस का खौफ! बांग्ला भाषी पलायन को मजबूर

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देश के कई शहरों के साथ ही गुरुग्राम में भी बड़ी संख्या में अवैध रूप से बांग्लादेशी रह रहे हैं, जिनको पकड़ने का काम गुरुग्राम पुलिस ने शुरू कर रखा है. पिछले कुछ दिनों में तकरीबन 200 बंगालियों को शक के तौर पर पुलिस ने पकड़ा है, जिन में से 11 बांग्लादेशी थे और उन्हें डिपोर्ट करने का प्रोसेस किया जा रहा है. लेकिन गुरुग्राम पुलिस की इस कार्रवाई से गुरुग्राम में रहने वाले बंगालियों में डर का माहौल है और सेक्टर 49 गुरुग्राम की बंगाली मार्केट इलाके में रहने वाले सैकड़ों बंगाली अब पुलिस के डर से गुरुग्राम छोड़कर अपने-अपने गांव बंगाल जा रहे हैं.

पुलिस के डर से वापस जा रहे लोग

गुरुग्राम के सेक्टर 49 की बंगाली मार्केट कॉलोनी में करीब 1000 बंगालियों के घर हैं , जिनमें करीब 5000 लोग रहते हैं. यह लोग कूड़ा बिनने, घरों में काम करने, साफ सफाई करने का काम करते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में जब पुलिस ने यहां रेड की और कई लोगों को पकड़ा तो अब यहां रहने वाले बाकी लोगों में डर है. लोगों में डर है कि कहीं पुलिस उन्हें भी ना पकड़ ले जाए और बंगाल भेज दे. यही वजह है कि बंगाली मार्केट के लगभग हर घर पर अब ताले लगे हुए हैं और लगभग सभी लोग यहां से पलायन कर गए हैं.

लोगों ने कहा कि पुलिस बेवजह मार रही

जो लोग यहां पर बचे हुए हैं, उनका कहना है कि पुलिस ने उन्हें बहुत मारा है. उनके आधार कार्ड भी ठीक से नहीं देखे और उन्हें पकड़ कर ले गए. बंगाली भाषा बोलने और मुस्लिम होने की वजह से पुलिस उन्हें बांग्लादेशी समझ कर पकड़ कर ले जा रही है. कई लोग ऐसे थे जिन्हें पुलिस ने पकड़ा था और बाद में कागज सही पाए जाने पर छोड़ दिया था, लेकिन उनके परिवार वालों का अभी तक कोई पता नहीं है. इसलिए डर की वजह से अब बाकी बचे कुछ लोग भी अपना सामान ट्रक पर रखकर वापस पश्चिम बंगाल जा रहे हैं.

घरों में करते थे काम

इनमें से ज्यादातर लोग सफाई करने और कूड़ा बीनने का काम करते हैं. लोगों का कहना है कि पुलिस से अब डर लग रहा है. उनका कहना है कि हो सकता है कि कुछ बांग्लादेशी लोग रह रहे हो लेकिन बाकी सभी बंगाली हैं. बंगाली भाषा बोलते हैं और मुसलमान हैं. यही वजह है कि पुलिस उन्हें पकड़ कर ले जा रही है और पिटाई कर रही है.