विनेश फोगाट का हमला: फेडरेशन में बदमाशों को बैठा दिया, निर्मला बूरा को रोका गया

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हांसी। बीते दिनों उमरा गांव में सीनियर स्टेट चैंपियनशिप में अंतरराष्ट्रीय पहलवान और हरियाणा पुलिस की इंस्पेक्टर निर्मल बूरा को अचानक खेलने से रोक दिया गया था।

लेकिन मामला यहीं नहीं रुका अब यह विवाद हरियाणा से निकलकर देश के खेल तंत्र की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न बनकर उभर रहा है। निर्मल बूरा के समर्थन में देश की चर्चित पहलवान और कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट खुलकर सामने आ गई है।

विनेश ने फेडरेशन पर गंभीर आरोप लगाते हुए उसे गुंडा-बदमाशों का अड्डा तक कह डाला। उन्होंने कहा कि वह निर्मल के सम्मान और हर खिलाड़ी के अधिकार की लड़ाई में उनके साथ खड़ी हैं।

अपने ट्वीटर पर की पोस्ट में विनेश फोगाट ने सवाल उठाए कि फेडरेशन बिना पारदर्शिता और बिना किसी आधिकारिक प्रक्रिया के खिलाड़ियों का चयन और बहिष्कार कर रही है।

उन्होंने इसे शर्मनाक एवं खेल भावना के खिलाफ बताया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि निर्मल बूरा कोई सामान्य खिलाड़ी नहीं है।

वह भीम अवार्डी, कामनवेल्थ सिल्वर मेडलिस्ट, एशियन चैंपियनशिप सिल्वर मेडलिस्ट, 20 बार सीनियर नेशनल मेडलिस्ट, जिनमें 14–15 गोल्ड शामिल है। फिर भी कोर्ट तक जाने को मजबूर होना बता रहा है कि तंत्र में भारी खामियां है।

उमरा गांव में चल रही सीनियर स्टेट चैंपियनशिप में निर्मल बूरा को तभी झटका लगा जब उन्हें बताया गया कि उन्होंने जिला स्तरीय मुकाबलों में भाग नहीं लिया, इसलिए वे स्टेट में नहीं उतर सकतीं।

वही चौंकाने वाली बात यह है कि 30 नवंबर को उन्हें खुद आयोजक संस्था ने निमंत्रण पत्र भेजा था। निर्मल पुलिस टीम की ओर से परंपरागत रूप से सीधे राष्ट्रीय स्तर पर खेलने की पात्र होती है।

फेडरेशन ने भी पहले खेलने पर कोई आपत्ति नहीं जताई। इसके बावजूद ठीक मुकाबले से पहले रोक देना खुली नाइंसाफी बताया जा रहा है।

हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन और रेसलिंग हरियाणा के महासचिव राकेश सिंह का कहना था कि नियमों के अनुसार वही खिलाड़ी स्टेट व नेशनल में उतर सकता है, जिसने जिला स्तर पर अपनी योग्यता साबित की हो।

उनका कहना कि पांच मुकाबले जीतने वाले खिलाड़ी के मुकाबले सीधे प्रवेश देने से दूसरे खिलाड़ियों के साथ अन्याय होगा।

विनेश फोगाट का स्पष्ट कहना है कि अगर निर्मल जैसी अनुभवी खिलाड़ी की आवाज दबाई जा सकती है, तो नए खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित कैसे रहेगा? उन्होंने सरकार और खेल मंत्रालय से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।