हरियाणा में आगामी निकाय चुनावों के दौरान ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के साथ वीवीपैट (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनों का उपयोग नहीं किया जाएगा। इसका अर्थ है कि मतदाता वोट डालने के बाद यह पुष्टि नहीं कर पाएंगे कि उनका वोट उसी उम्मीदवार को मिला है जिसे उन्होंने चुना था, क्योंकि वीवीपैट पर्ची उपलब्ध नहीं होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि आयोग द्वारा उपयोग की जाने वाली ईवीएम में वीवीपैट मशीनें नहीं लगाई जा सकतीं। इसकी वजह यह है कि हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने जून 2020 में भारतीय चुनाव आयोग (ECI) से निकाय और पंचायत चुनावों के लिए बिना वीवीपैट वाली 45,000 ईवीएम की मांग की थी। ECI ने जवाब में बताया कि नीति के अनुसार, राज्य निर्वाचन आयोगों को M3 मॉडल की ईवीएम उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं, इसलिए केवल M2 मॉडल की ईवीएम ही लोन पर दी जा सकती हैं, जो वीवीपैट के साथ संगत नहीं हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा में 10 नगर निगम समेत 41 निकायों में ईवीएम से मतदान होना है। इनमें से 9 नगर निगम और 40 निकायों में 2 मार्च को वोटिंग होगी, जबकि पानीपत नगर निगम में 9 मार्च को मतदान होगा। सभी की मतगणना 12 मार्च को एक साथ की जाएगी।
वीवीपैट मशीनें मतदाताओं को यह सत्यापित करने की सुविधा देती हैं कि उनका वोट सही उम्मीदवार को गया है, जिससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ता है। हालांकि, इस बार हरियाणा निकाय चुनावों में इनका उपयोग संभव नहीं हो पाएगा।