जंक्शन पर वाशिंग लाइन संकट, लंबी दूरी की ट्रेनों की राह थमी

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भिवानी। शहर के मुख्य रेलवे जंक्शन पर पर्याप्त क्षमता की वाशिंग लाइन न होने के कारण भिवानी से लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में स्टेशन पर केवल 17 आईसीएफ कोच क्षमता की एक छोटी और अत्यंत जर्जर वाशिंग पिट लाइन उपलब्ध है जिसके पुनर्निर्माण के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा लगभग 21 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।

इसी वाशिंग पिट लाइन पर फिलहाल 12 से 14 कोच वाली करीब आठ पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों का प्राथमिक अनुरक्षण किया जा रहा है जिनमें एक ट्रेन भिवानी से ढेहर का बालाजी तक संचालित होती है। पर्याप्त क्षमता की वाशिंग लाइन उपलब्ध न होने के कारण भिवानी–रेवाड़ी–नारनौल–रींगस–जयपुर–सवाई माधोपुर मार्ग पर बिना रिवर्सल के चलने वाली भिवानी से जयपुर की सबसे छोटी रेल रूट की संभावना के बावजूद लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन संभव नहीं हो पा रहा है।
इसके चलते भिवानी स्टेशन आज भी दक्षिण भारत, मध्य भारत और दक्षिण-पूर्वी भारत की ओर जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों से वंचित है। वर्तमान में दिल्ली–रेवाड़ी–रींगस मार्ग से केवल मुंबई अथवा गुजरात की ओर ही ट्रेनें चलाई जा रही हैं जबकि अन्य क्षेत्रों के लिए अधिकांश लंबी दूरी की ट्रेनें हजरत निजामुद्दीन–मथुरा–आगरा मार्ग से होकर संचालित होती हैं। ऐसे में भविष्य में भी दिल्ली से वाया रेवाड़ी इन क्षेत्रों के लिए ट्रेनों की संभावनाएं बेहद सीमित बनी हुई हैं।

रेलवे अधिकारियों द्वारा वर्ष 2021 में भिवानी सिटी स्टेशन पर 26 कोच क्षमता की वाशिंग लाइन के निर्माण को लेकर सर्वे किया गया था। सर्वे में पाया गया कि भिवानी सिटी स्टेशन के पास रेलवे फाटक संख्या सी-49 (बामला एंड) के बाद रोहतक दिशा में रेलवे लाइन के साथ लगभग 19 मीटर यानी करीब 62 फीट चौड़ी भूमि उपलब्ध है जहां कोच केयर कॉम्प्लेक्स और 26-कोच वाशिंग पिट लाइन का निर्माण आसानी से किया जा सकता है लेकिन यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका। वाशिंग लाइन के अभाव में स्थानीय लोगों को लंबी दूरी की ट्रेनों का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

काफी वर्षों से भिवानी को कोई लंबी दूरी की गाड़ी नहीं मिली है। इसका मुख्य कारण केवल वाशिंग लाइन का न होना है। वर्ष 2021 में रेलवे अधिकारियों द्वारा किए गए सर्वे के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय लोगों की मांग है कि भिवानी में वाशिंग लाइन बनाई जाए ताकि यहां से लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन शुरू हो सके।

धुंध के कारण शुक्रवार को लेट रहीं ट्रेनें
भिवानी। लगातार दूसरे दिन घने कोहरे के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। शुक्रवार को दोपहर बाद सूर्यदेव के दर्शन हुए। कोहरे के चलते दिल्ली–भिवानी पैसेंजर ट्रेन करीब डेढ़ घंटे की देरी से पहुंची। सबसे अधिक देरी गोरखधाम और कालिंदी एक्सप्रेस में रही। गोरखधाम एक्सप्रेस का भिवानी पहुंचने का निर्धारित समय सुबह 8 बजकर 10 मिनट था लेकिन ट्रेन दोपहर 1 बजकर 2 मिनट पर पहुंची। वहीं कालिंदी एक्सप्रेस का निर्धारित समय 9:25 बजे था जबकि यह शाम 5:01 बजे भिवानी पहुंची। इसके अलावा रेवाड़ी–बठिंडा ट्रेन 52 मिनट और जयपुर–बठिंडा ट्रेन 11 मिनट की देरी से पहुंची। वहीं दिल्ली–सातरोड वाया रेवाड़ी ट्रेन रद्द रही।