यमुनानगर : प्रदेश में सरकारी स्कूल की बिल्डिंगों और बच्चों के बेहतर भविष्य के दावा करने वाली हरियाणा सरकार की पोल यमुनानगर के गांव जैतपुर के राजकीय माध्यमिक स्कूल ने खोलकर रख दी। स्कूल में करीब 160 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल की बिल्डिंग इतनी जर्जर हो चुकी है कि बाथरूम की दीवार से सरिया बाहर निकल गए हैं।
बारिश में छतें टपकने लग जाती हैं। स्कूल की दीवारों पर हरे रंग की काई जम चुकी है। अगर 1 से 2 घंटा बारिश हो जाए तो स्कूल तालाब बन जाता है। स्कूल के प्रांगण में दो फीट ऊंचा हरा घास भी खड़ा है। बारिश में मिड डे मिल ले रहे छात्र छतों से टपक रहे पानी से बचने के लिए एक-दूसरे से सटे बैठे हैं। स्कूल के साथ लगते खेत मालिक स्कूल की चारदिवारी को तोड़कर खेत में जमा होने वाले पानी का बहाव स्कूल की तरफ कर देते है।
छात्रों का कहना है कि अगर बारिश हो जाए तो हम बरामदे में नहीं बैठ सकते। अगर कक्षा में अंदर बैठ जाए तो वहां पर भी छतें टपकने लग जाती हैं और सारा पानी बेंच पर आकर गिर जाता है। इससे हमारी पढ़ाई बाधित हो रही है। ग्रामीण असलम ने बताया कि कभी स्कूल में टीचर नहीं होते तो कभी स्कूल की छतों से पानी टपकने लगता है। कई बार इस बिगड़ती व्यवस्था को लेकर प्रशासन और सरकार से गुहार लगा चुके हैं।
वहीं स्कूल के टीचर धर्म सिंह ने कहा कि हमारे पास न सिर्फ बच्चों को पढ़ाने का काम है बल्कि इसके अलावा भी हमें स्कूल से जुड़े कई काम करने पड़ते हैं। उन्होंने भी माना कि इससे बच्चों की पढ़ाई जरूर खराब हो रही है। उन्होंने यह बताया कि स्कूल में काफी समय से टीचर नहीं है अस्थाई टीचरों के सहारे ही स्कूल को बच्चों की पढ़ाई को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।