गुड़गांव: अपने बयान को लेकर चर्चा में रहने वाले हरियाणा के उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह एक बार फिर अपने बड़बोलेपन को लेकर चर्चा में हैं। शनिवार को एक बिल्डर के कार्यक्रम में फर्रूखनगर पहुंचे कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ने मंच से स्पीच देने के दौरान उन्होंने अपनी ही सरकार को घेर लिया। उन्होंने सरकार की दीन दयाल उपाध्याय योजना को लेकर सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए। हरियाणा के उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह ने अपनी ही भाजपा सरकार की हाउसिंग स्कीम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कि दीन दयाल उपाध्याय हाउसिंग योजना महंगी है। इस योजना को बनाया तो आम जनता को सस्ते आवास उपलब्ध कराने के लिए था, लेकिन यह योजना भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई। अब तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है तो सरकार लोगों को सस्ते आवास दिलाने के लिए और भी योजना लाएगी।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अवैध कॉलोनी कटने से रोकने के लिए ही सरकार ने साल 2014 में दीन दयाल उपाध्याय योजना की शुरूआत की थी। इसके साथ ही आम आदमी को लीगल तरीके से सस्ती दर पर घर मिल सके इसके लिए अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम भी लाए थे, लेकिन जिस तेजी से गुड़गांव का विकास हुआ है उस तेजी से यह योजना भी महंगी हो गई। आम आदमी इस योजना में प्लॉट नहीं ले सकता। गरीबों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग ज्यादा सुटेबल रही है। इसके लिए योजना लेकर आएंगे।
उन्होंने कहा कि 10 साल पहले जब वह फर्रूखनगर आए थे तो यह इलाका काफी पिछड़ा हुआ था। शाम को सात बजे के बाद कोई इस एरिया में नजर तक नहीं आता था, लेकिन अब फर्रूखनगर क्षेत्र का भी विकास हुआ है और यहां देर रात को भी इतनी हलचल रहती है कि पैदल चलने को भी जगह नहीं मिलती। राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुड़गांव में पिछले दो साल में प्रॉपर्टी के रेट दोगुना तक हो गए हैं। पहले अफोर्डेबल सोसाइटी में 15 से 17 लाख रुपए में एक बीएचके फ्लैट मिल जाता था, लेकिन अब वह फ्लैट भी 35 लाख तक के हो गए हैं। द्वारका एक्सप्रेसवे, सोहना एलिवेटेड रोड, दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे शुरू होने से अफोर्डेबल हाउसिंग सोसाइटी के रेटों में इजाफा हुआ है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वह मानते हैं कि प्रॉपर्टी के रेट उसकी लोकेशन और सोसाइटी के रखरखाव के अनुसार हैं।
आपको बता दें कि हरियाणा में मनोहर लाल सरकार ने साल 2016 में दीन दयाल उपाध्याय योजना गरीबों और जरूरतमंदों को सस्ती दर पर मकान दिलाने के लिए शुरू की थी। सरकार का मानना था कि इस योजना के तहत गरीबों को सामाप्न्य लाइसेंस धारक कॉलोनियों से करीब 40 फीसरी कम दर पर मकान उपलब्ध होंगे।इस योजना के लिए बिल्डरों को भी राहत प्रदान की गई थी और पांच एकड़ जमीन के लिए भी लाइसेंस दिया जाने लगा था। इस योजना में लाइसेंस की दर 25 प्रतिशत कम है। प्लॉट का आकार भी 60 मीटर से 150 मीटर तक है। इसके साथ ही योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए 15 प्रतिशत छूट का प्रावधान रखा गया है।