फिर डूबेगी दिल्ली? हथिनीकुंड बैराज पर बढ़ा पानी का स्तर, उफान पर यमुना नदी, निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी

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यमुनानगर: उत्तराखंड और हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के बाद यमुना नदी का जलस्तर मंगलवार को हथिनीकुंड बैराज पर बढ़ गया. देर रात 12 बजे बैराज पर 70 हजार क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, जो इस मानसून सीजन का सबसे अधिक स्तर है. इस स्थिति को देखते हुए यमुना के किनारे बसे इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है. दिल्ली के निचले इलाकों में भी बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है.

पानी का डायवर्जन और अलर्ट: बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए हथिनीकुंड बैराज से 50 हजार क्यूसेक पानी बड़ी यमुना में डायवर्ट किया गया. ये पानी अगले 72 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा. सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आरएस मित्तल ने बताया कि दोपहर 3 बजे जलस्तर घटकर 36 हजार क्यूसेक रह गया, जिसमें से 20 हजार क्यूसेक पानी दिल्ली की ओर भेजा गया. उन्होंने नदी किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की, क्योंकि जलस्तर कभी भी बढ़ सकता है.

बाढ़ बचाव कार्यों की स्थिति: मित्तल ने बताया कि मानसून की शुरुआत से बाढ़ बचाव कार्य पूरे नहीं हो पाए हैं. अगर बैराज पर एक लाख क्यूसेक पानी आता है, तो कैनाल बंद कर सारा पानी बड़ी यमुना में डायवर्ट किया जाता है और मिनी फ्लड घोषित होता है. वहीं, ढाई लाख क्यूसेक पानी पर पूर्ण बाढ़ की स्थिति घोषित की जाती है. फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं है, लेकिन सतर्कता बरती जा रही है.

सोशल मीडिया के जरिए सूचना: निचले इलाकों में किसी अनहोनी से बचने के लिए सोशल मीडिया ग्रुप्स के माध्यम से लोगों को सूचित किया गया है. मित्तल ने बताया कि कैचमेंट एरिया में बारिश के कारण जलस्तर बढ़ा है और मानसून के चलते आने वाले दिनों में पानी और बढ़ सकता है.

हथिनीकुंड बैराज ने बढ़ाई चिंता! हर साल मानसून के दौरान हथिनीकुंड बैराज सुर्खियों में रहता है. इस बार भी 70 हजार क्यूसेक पानी दर्ज होने से यह चर्चा का केंद्र बना हुआ है. यह जलस्तर इस सीजन का सबसे अधिक है, जिसने प्रशासन और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है.