चिंताजनक: युवा बन रहे गैंगस्टरों के ‘स्लीपर सेल’, अंजाम दे रहे खतरनाक वारदातों को

SHARE

कैथल : आतंकियों की तर्ज पर अब जिले में गैंगस्टरों ने भी अपना स्लीपर सेल नेटवर्क खड़ा कर लिया है। ये स्लीपर सेल हथियार सप्लाई, रेकी, फायरिंग से लेकर टारगेट किलिंग तक की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से अधिकतर 17 से 25 वर्ष तक के युवा शामिल हैं, जिनकी संख्या जिले में दर्जनों बताई जा रही है। सबसे ज्यादा मामले पुंडरी और गुहला क्षेत्र से सामने आए हैं।

ये गुर्गे आम लोगों की तरह समाज में घुल-मिल कर रहते हैं और पेशेवर अपराधी नहीं होते। सोशल मीडिया के जरिए या फिर जेलों में छोटे अपराधों में बंद युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें जोड़ा जाता है। खासतौर पर नाबालिगों को लग्जरी गाड़ियों, रुपये और तेजी से नाम कमाने का लालच देकर इस रास्ते पर धकेला जाता है। छोटे अपराध में जल्दी जमानत मिलने के बाद उन्हें बाहर निकालकर बड़े गैंगस्टरों से जोड़ा जाता है, जो उन्हें हाईटेक हथियार उपलब्ध कराते हैं।

युवा अपराधी इसके बाद व्यापारियों की दुकानों और घरों पर फायरिंग कर दहशत फैलाते हैं ताकि करोड़ों की वसूली हो सके। वारदात के तुरंत बाद गैंगस्टर सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी लेकर अपना खौफ और बढ़ा देते हैं।

कुरुक्षेत्र में आईलेट्स पर चलाई गोलियां

12 सितंबर को कुरुक्षेत्र के नए बस स्टैंड के पास जिले के पीडल गांव के 19 वर्षीय राजीव और राहुल ने चैतन्य आईलेट्स सेंटर पर दिनदहाड़े 4 राउंड फायरिंग कर किए थे। गोलियों से सेंटर का फ्रंट शीशा चकनाचूर हो गया, लेकिन गनीमत रही कि अंदर मौजूद करीब 150 बच्चे सुरक्षित रहे। घटना के बाद आरोपी बिना नंबर की बाइक पर फरार हो गए। पुलिस ने लगातार पीछा करते हुए 18 सितंबर को प्रतापगढ़ गांव लिंक रोड पर बदमाशों को घेर लिया। स्पेशल टास्क फोर्स करनाल और अंबाला की टीम के साथ हुई मुठभेड़ में दोनों ओर से कई राउंड फायरिंग हुई। जवाबी कार्रवाई में राजीव और राहुल की टांगों में गोली लगी, जिसके बाद एसटीएफ ने उन्हें दबोच लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों आरोपी पंजाब के खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के सदस्य हैप्पी पाशिया के संपर्क में आ चुके थे, जिससे इनके नेटवर्क के बड़े लिंक जुड़ने की आशंका जताई जा रही है।

अजीमगढ़ चौकी ग्रेनेड हमला 

अप्रैल माह में चीका क्षेत्र की अजीमगढ़ चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले ने पूरे इलाके को दहला दिया था। इस हमले में गैंगस्टर हार्दिक कंबोज और जीशान अख्तर के साथ जिले के नाबालिक युवक का नाम भी सामने आया था। मामले की जांच के रही एस.डी.यू टीम ने हार्दिक कंबोज को कपूरथला जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ की। पूछताछ के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि कैथल के छौत गांव का नाबालिग अंकित भी इस साजिश में शामिल था। जिस पर आरोप है कि अंकित ने चौकी की लोकेशन और संबंधित जानकारी गैंग के सदस्यों तक पहुंचाई थी। गुहला पुलिस ने इस पूरे नेटवर्क की जांच करते हुए अंकित को भी गिरफ्तार कर लिया। साथ ही बब्बर खालसा के सदस्यों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया। इस हमले ने साबित किया कि गैंगस्टरों और आतंकवादी संगठनों की सांठगांठ किस तरह छोटे-छोटे गांवों तक अपने पैर पसार रही है।

बहुचर्चित बाबा सिद्दीकी हत्या कांड में गुरमेल था शामिल 

अक्टूबर 2024 में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में जिले के बदमाश गुरमेल का नाम बड़े गैंगस्टर गैंग के साथ जुड़ा था। नरड़ गांव का रहने वाला गुरमेल, 2019 में पहली बार सुर्खियों में आया, जब उसने अपने साथियों संग रुद्री मंदिर, कैथल के पास सुनील नामक युवक की बर्फ के सुए से 52 वार कर हत्या कर दी थी। इस मामले में वह जेल गया और वहीं उसकी मुलाकात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों से हुई। जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद गुरमेल मुंबई चला गया और वहां आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय हो गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वह धीरे-धीरे लॉरेंस गैंग का हिस्सा बन गया। अक्टूबर 2024 में बहुचर्चित एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या कांड में भी उसका नाम जुड़ा। वारदात से करीब डेढ़ महीने पहले वह हरिद्वार जाने का बहाना बनाकर घर से निकला था और फिर लौटकर नहीं आया। गुरमेल की बढ़ती गैंगस्टर छवि और मुंबई कनेक्शन ने उसे देश के बड़े अपराध नेटवर्क से जोड़ दिया।

बादशाह क्लब पर ग्रेनेड में अभिषेक का नाम आया था सामने 

नवंबर 2024 में चंडीगढ़ स्थित बॉलीवुड सिंगर और रैपर बादशाह के क्लब के बाहर हुए बम धमाके में भी जिले के बदमाश का नाम जोड़ा गया था। धमाके के बाद सामने आए सीसीटीवी फुटेज में हमलावरों को क्लब के बाहर देसी बम फेंकते और फिर भागते हुए साफ देखा गया था। जिसकी जांच में जिले के हरसोला गांव का अभिषेक उर्फ शेखी को भी हमले का आरोपी पाया गया। मामले की जांच हरियाणा की स्पेशल टास्क फोर्स कर रही थी। आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की संयुक्त टीम हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर पहुंची, जहां बदमाशों ने एसटीएफ और चंडीगढ़ पुलिस पर फायरिंग कर दी। इस मुठभेड़ में एक सब-इंस्पेक्टर बाल-बाल बचा, जबकि जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने अभिषेक को दबोच लिया। सूत्रों के अनुसार, अभिषेक के तार लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार जैसे कुख्यात गैंगस्टरों से जुड़े हुए हैं। इस घटना ने युवा जगत पर मंडरा रहे खतरों की तस्वीर उजागर कर दी है।

15 से 20 हजार में कर देते हैं वारदात 

युवा तेजी से ग्लैमर लाइफस्टाइल के चक्कर में अपराध की दुनिया में कदम रख रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गैंगस्टरों के गुर्गों से संपर्क बनाकर वे उनके प्रभाव में आ जाते हैं। शुरुआत में उन्हें छोटी जरूरतों के लिए फंडिंग दी जाती है और धीरे-धीरे उन्हें असलाह सप्लाई, फायरिंग से लेकर हत्या जैसी वारदातों में शामिल कर लिया जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि ये खतरनाक काम महज 15 से 20 हजार रुपए में अंजाम दिए जाते हैं। यही वजह है कि गिरोह लगातार युवाओं को टारगेट कर अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।

 गांव-गांव चलाई जाएगी विशेष कैंपेनिंग: डीएसपी  

डीएसपी गुहला कुलदीप बेनीवाल ने कहा कि विदेशों में बैठे कुछ गलत लोग यहां के युवाओं को पैसों का लालच देकर गलत कामों में धकेल रहे हैं। अधिकांश युवा सोशल मीडिया के माध्यम से उनके संपर्क में आते हैं और धीरे-धीरे इस दलदल में फंस जाते हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे समय-समय पर अपने बच्चों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग अवश्य करें। डीएसपी ने बताया कि पुलिस प्रशासन इस विषय को लेकर पूरी तरह गंभीर है। जल्द ही उच्च अधिकारियों से बातचीत कर युवाओं को इस खतरनाक रास्ते से दूर रखने और उन्हें सही दिशा दिखाने के लिए गांव-गांव में विशेष कैंपेनिंग चलाई जाएगी। यह अभियान नशा और साइबर जागरूकता की तर्ज पर होगा, जिसमें युवाओं को गैंगस्टर नेटवर्क, स्लीपर सेल जैसे खतरों से आगाह किया जाएगा और सकारात्मक जीवन की ओर प्रेरित किया जाएगा।