हरियाणा में यमुना नदी का रौद्र रूप, हथिनीकुंड बैराज पर मिनी फ्लड घोषित, यमुनानगर के 125 गांवों में बाढ़ का खतरा, दो युवक बहे

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यमुनानगर: बारिश के चलते यमुना नदी का पानी हथिनीकुंड बैराज पर लगातार डेढ़ लाख क्यूसेक से ऊपर बह रहा है. मंगलवार शाम 8 बजे हथिनीकुंड बैराज पर यमुना का पानी 1 लाख 71 हजार 346 क्यूसेक दर्ज किया गया था. आज यानी 3 सितंबर 2025 की सुबह 7 बजे पानी 1 लाख 63 हजार 994 क्यूसेक दर्ज किया गया है. लगातार दो दिन से यमुना का पानी डेढ़ लाख क्यूसेक से ऊपर यानी मिनी फ्लड की गेज से ऊपर बह रहा है.

हथिनीकुंड बैराज पर मिनी फ्लड घोषित:

बता दें कि डेढ़ लाख क्यूसेक पानी आने पर हथिनीकुंड बैराज से मिनी फ्लड घोषित किया जाता है. ढाई लाख क्यूसेक पानी आने पर फ्लड घोषित किया जाता है. यमुना नदी में 1 सितंबर 2025 से लगातार डेढ़ लाख क्यूसेक से ऊपर यमुना का जलस्तर बना हुआ है. 1 सितंबर को सुबह 9 बजे सीजन का सर्वाधिक पानी 329313 क्यूसेक दर्ज किया गया था.

यमुना नदी का रौद्र रूप:

यमुना नदी का रौद्र रूप अब दिखना शुरू हो गया है. इसका असर अब यमुनानगर जिले के अलग-अलग गावों में देखने को मिल रहा है. टापू कमालपुर और पोबारी गांव में भूमि कटाव शुरू हो चुका है. कटाव को रोकने के लिए सिंचाई विभाग और ग्रामीणों ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया है, ताकि पानी गांव में घुसे. अगर पानी गांवों में घुसा तो सैंकड़ों एकड़ फसल तबाह हो जाएगी. घरों में पानी घुसने से लोगों को परेशानी होगी वो अलग.

यमुना के पानी से भूमि कटाव शुरू:

मंगलवार को यमुनानगर उपायुक्त पार्थ गुप्ता, पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल, सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आरएस मित्तल समेत अन्य अधिकारियों ने प्रभावित गांव टापू कमालपुर एवं पोबारी का दौरा किया. टापू कमालपुर में यमुना गांव से मात्र 200 मीटर दूर है. यहां कटाव अभी भी हो रहा है. ज्यादा पानी से भूमि कटाव और बढ़ेगा. जो गांव के लिए मुसीबत साबित होगा.

पिछले साल बाढ़ के चलते गांव की 80% आबादी ने पलायन किया था. गांव वासियों का कहना है कि प्रशासन ने पिछली बार की बाढ़ से सबक लेते हुए 7 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 2 किलोमीटर एरिया में स्टड लगाए थे. जिससे कुछ बचाव हुआ, लेकिन खतरा अभी बना हुआ है.

प्रशासन की तरफ से कराई जा रही मुनादी:

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि “दो दिनों में हुई भारी वर्षा से यमुना से 3 लाख 40000 क्यूसेक पानी आया था. अभी आबादी में पानी नहीं है. कुछ जगह कटाव हुआ है. वहां मिट्टी के कट्टे डालकर कटाव को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. यमुना के साथ लगते लगभग सवा सौ गांवों में मुनादी कराई जा रही है कि वो यमुना से दूर रहें और अधिकारियों को प्रभावित गांवों में तैनात किया गया है.”

125 गांवों पर बाढ़ का खतरा:

उपायुक्त ने बताया कि “यमुना नदीं में पानी के साथ पहाड़ों से लकड़ियां बह कर आ रही हैं. जिसे निकालते समय दो युवक डूब गए.” उन्होंने लोगों से अपील की कि “लोग यमुना के आसपास ना जाएं, ताकि ऐसी कोई दुर्घटना ना हो.” यमुनानगर के करीब 125 गांव ऐसे हैं. जो यमुना नदी के बिल्कुल साथ लगते हैं. यहां प्रशासन की तरफ से ना सिर्फ मुनादी कराई जा रही है, बल्कि पुलिस प्रशासन द्वारा गांव-गांव जाकर लोगों को सतर्क रहने के निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं.